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Tuesday 30 May 2017

*बरकाते ज़कात* #08
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_ज़कात देने के फवाइद_* #01
_तकमील ईमान का ज़रीआ_
     ज़कात अदा करने वाले को पहली सआदत मन्दी ये हासिल होती है कि ज़कात देना, उसके ईमान की तकमील का सबब बनता है।

     आइये ! इस ज़िम्न में 2 फरमाने मुस्तफा ﷺ मुलाहिज़ा कीजिये :
★ तुम्हारे इस्लाम का पूरा होना ये है कि तुम अपने मालो की ज़कात अदा करो।
★ जो अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान रखता हो, उसे लाज़िम है कि अपने माल की ज़कात अदा करे।

बाक़ी कल की पोस्ट में..ان شاء الله
*✍🏼बरकाते ज़कात, स.8*

*📮षवाब की निय्यत से शेर करे*
*___________________________________*
मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
*___________________________________*
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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