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Monday 15 May 2017

*फ़ज़ाइले रमज़ान शरीफ* 12
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*जुमुआ की हर घड़ी में दस लाख की मगफिरत*
     हज़रते अब्दुलाह इब्ने अब्बास رضي الله عنه से रिवायत है की हुज़ूर صلى الله عليه وسلم का फरमान है "अल्लाह माहे रमज़ान में रोज़ाना इफ्तार के वक़्त दस लाख ऐसे गुनाहगारो को जहन्नम से आज़ाद फ़रमाता है जिन पर गुनाहो की वजह से जहन्नम वाजिब हो चुकी थी, नीज़ शबे जुमुआ और रोज़े जुमुआ की हर हर घड़ी में ऐसे दस लाख गुनाहगारो को जहन्नम से आज़ाद किया जाता है जो अज़ाब के हक़दार क़रार दिये चुके होते है।
*✍🏽कन्जुल उम्माल, 8/223, हदिष:23716*

*भलाई ही भलाई*
     हज़रते उमर फारुके आज़म رضي الله عنه फ़रमाते है : उस महीने को खुश आमदीद है जो हमें पाक करने वाला है। पूरा रमज़ान खैर ही खैर है दिन का रोज़ा हो या रात का क़याम। इस महीने में खर्च करना जिहाद में खर्च करने का दर्जा रखता है।
*✍🏽तम्बीहुल गाफिलिन, 176*

*खर्च में कुशादगी करो*
     हज़रते ज़ुमुरह رضي الله عنه से मरवी हे की हुज़ूर صلى الله عليه وسلم फ़रमाते है : माहे रमज़ान में घर वालो के खर्च में कुशादगी करो क्यू की माहे रमज़ान में खर्च करना अल्लाह की राह में खर्च करने की तरह है।
*✍🏽अल जामिउस्सागिर, 162, हदिष:2716*
*✍🏽फ़ज़ाइले रमज़ान, 27*

*📮षवाब की निय्यत से शेर करे*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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