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Wednesday 3 May 2017

*आक़ा ﷺ का महीना* #08
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_ढेरो गुनाहगारो की मग्फिरत होती है मगर...❓_*
     हज़रते आइशा सिद्दीका रदियल्लाहु अन्हा से रिवायत है, हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया : मेरे पास जिब्रईल अलैहिस्सलाम आए और कहा ये शाबान की 15वी रात है इस में अल्लाह तआला जहन्नम से इतनो को आज़ाद फरमाता है जितने बनी क्लब की बकरियो के बाल है, मगर काफ़िर और "अदावत वाले" और रिश्ता काटने वाले और कपड़ा लटकाने वाले और वालिदैन की ना फ़रमानी करने वाले और शराब के आदि की तरफ नज़रे रहमत नहीं फरमाता.
*✍🏽शोएबुल ईमान, जी.3 स. 384 हदिष : 3837*

     हदिशे पाक में कपड़ा लटकने वाले का जो बयान है, इस से मुराद वो लोग है जो तकब्बुर के साथ टखनों के निचे तहबंद या पाजामा वगैरा लटकाते है.
     करोड़ो हम्बलियो के अज़ीम पेशवा हज़रते इमाम अहमद बिन हम्बल رضي الله تعالي عنه ने हज़रते अब्दुल्लाह इब्ने अम्र رضي الله تعالي عنه से जो रिवायत नकल की उस में कातिल का भी ज़िक्र है.
*✍🏽आक़ा का महीना, स. 9-10*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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