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Thursday 4 May 2017

*आक़ा ﷺ का महीना* #09
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

_*हज़रते दावूद अलैहिस्सलाम की दुआ*_
     अमीरुल मुअमिनीन हज़रते मौला मुश्किल कुशा,अलिय्युल मुर्तज़ा शेरे खुदा करम अल्लाहु तआला शाबानुल मुअज़्ज़म की 15वी रात यानि शबे बारात में अक्सर बाहर तशरीफ़ लाते.
     एक बार इसी तरह शबे बरात में बाहर तशरीफ़ लाए और आसमान की तरफ नज़र उठा कर फ़रमाया : एक मर्तबा अल्लाह के नबी हज़रते सय्यिदुना दावूद अलैहिस्सलाम ने शाबान की 15वी रात आसमान की तरफ निगाह उठाई और फ़रमाया : ये वो वक़्त है के इस वक़्त में जिस शख्स ने कोई भी दुआ अल्लाह से मांगी उस की दुआ अल्लाह ने कबूल फ़रमाई और जिस ने मग्फिरत तलब की अल्लाह ने उस की मग्फिरत फ़रमा दी बशर्ते के दुआ करने वाला उश्शार (ज़ुल्मन टेक्स लेने वाला), जादूगर, काहिन और बाजा बजाने वाला न हो,

     फिर ये दुआ की : ऐ अल्लाह ! ऐ दाऊद के परवर दिगार ! जो इस रात में तुज से दुआ करे या मग्फिरत तलब करे तू उस को बख्श दे.
*✍🏽आक़ा का महीना, स. 10-11*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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