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Tuesday 2 May 2017

*वुज़ु और साइन्स* #06
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_मिस्वाक के मदनी फूल_* #2
     हज़रते सय्यिदुना अब्दुल वह्हाब शारानी रहमतुल्लाह अलैह नकल करते है : एक बार अबू बक्र् शिब्ली बगदादी रहमतुल्लाह अलैह को वुज़ु के वक़्त मिस्वाक की ज़रूरत हुई, तलाश की मगर न मिली लिहाज़ा एक दिनार में मिस्वाक खरीद कर इस्तेमाल फ़रमाई।

     बाज़ लोगो ने कहा ये तो आपने बहुत ज्यादा खर्च कर डाला ! कही इतनी महगी भी मिस्वाक ली जाती है ? आप ने फ़रमाया बेशक ये दुन्या और इसकी तमाम चीज़े अल्लाह عزوجل के नज़्दीक मच्छर के पर बराबर भी हैसिय्य्त नहीं रखती, अगर बरोज़े कियामत अल्लाह عزوجل ने मुझसे ये पूछ लिया तो क्या जवाब दूंगा के तूने मेरे प्यारे हबीब ﷺ की सुन्नत (मिस्वाक) क्यू तर्क की ? मेने तुजे जो मालो दौलत दिया था उसकी हक़ीक़त तो मेरे नजदीक मच्छर के पर बराबर भी नहीं थी, तो आखिर ऐसी हकीर दौलत इतनी अज़ीम सुन्नत हासिल करने पर क्यू खर्च नहीं की ?
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, सफा 65*
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मिट जाये गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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