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Sunday 30 October 2016

*गफलत* #04
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

_*मौत के तीन क़ासिद*_
     मन्कुल है : हजरते सैय्यिदुना या'कूब और हजरते सैय्युदूना इज्राइल अलैहिस्सलाम म-लकुम मौत में दोस्ती थी ।एक बार जब हजरते सैय्यिदुना म-लकुम मौत आए तो हजरते सैय्यिदुना या'कूब अलैहिस्सलाम ने इस्तिफसार फ़रमाया की आप मुलाकात के लिये तशरीफ़ लाए है या मेरी रूह कब्ज करने के लिये ? कहा : मुलाक़ात के लिये । फ़रमाया : मुझे वफ़ात देने से कब्ल मेरे पास अपने क़ासिद भेज देना । म-लकुल मौत ने कहा : में आप की तरफ दो या तीन क़ासिद भेज दूंगा ।
     चुनान्चे जब रूह कब्ज करने के लिये म-लकुल मौत आए तो आप ने इर्शाद फ़रमाया : आपने मेरी वफात से कब्ल क़ासिद भेजने थे वोह क्या हुवा ? हजरते सैय्यिदुना म-लकुल मौत ने कहा : सियाह या'नी काले बालो के बा'द सफ़ेद बाल, जिस्मानी ताकत के बा'द कमजोरी और सीधी कमर के बा'द कमर का झुकाव, ऐ या'कूब ! मौत से पहले इन्सान की तरफ मेरे क़ासिद ही तो है ।
     एक अ-रबी शाइर के इन दो अश्आर में किस कदर इब्रत है :
(1) वक़्त और दिन गुजर गए मगर गुनाह बाक़ी है, मौत का फिरिश्ता आ पहुंचा और दिल ग़ाफ़िल है
(2) तुजे दुन्या में मिलने वाली ने-मत धोका और तेरे लिये बाइसे हसरत है, और दुन्या में दाइमी या'नी हमेशा बाकी रहने वाली रहते पानी का तसव्वुर तेरी ख़म ख़याली (या'नी गलत फहमी ) है ।

_*बीमारी भी मौत का क़ासिद है*_
     मा'लूम हुवा के आने से पहले म-लकुल मौत अपने फासिद् भेजते है । बयान करदा तीन कासीदीन के इलावा भी अहादिसे मुबा-रका में मजीद कासिदिन का तज्किरा मिलता है। चुन्नाचे मरज, कानो और आंखो का तग्ययुर भी मौत के क़ासिद है ।
     हम में से बहुत से लोग ऐसे होंगे जिन के पास म-लिकुल मौत के क़ासिद तशरीफ़ ला चुके होंगे मगर क्या कहिये इस गफलत का ! अगर सियाह बालों के बा'द सफ़ेद बाल होने लगते है हाला की येह मौत का क़ासिद है मगर बन्दा अपने दिल को ढारस देने के लिये कहता है की येह तो नज्ले से बाल सफ़ेद हो गए है ! इसी तरह बीमारी जो की मौत का नुमाया क़ासिद है मगर इस में भी सरासर गफलत बरती जाती है हाला की "बीमारी" ही के सबब रोजाना बे शुमार अफ़राद मौत का शिकार होते है ! मरीज को बहुत जियादा मौत याद आनी चाहिये कि क्या मा-लूम जो बीमारी मा-लूम लग रही है वोही मोहलिक सूरत इख़्तियार कर के आन की आन में फना के घाट उतार दे फिर अपने रोएं धोएं, दुश्मन खुशिया मनाए और मरने वाला मौत से ग़ाफ़िल मरीज मनो मिटटी तले अँधेरी कब्र में जा पड़े आह ! अब मरने वाला होगा और उस के अच्छे बुरे आ-माल ।
*✍🏽गफलत, 8*
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खादिमे दिने नबीﷺ *ज़ैद वहोरा*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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