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Monday 24 October 2016

*सवानहे कर्बला​* #50
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_​​शहादत के बाद में वाक़ीआत​_* #03
     अहले मक्का को उनके सर से नजात मिली। अहले हिजाज़, यमन व इराक़ व खुरासान ने हज़रते अब्दुल्लाह बिन ज़ुबैरرضي الله تعالي عنه के दस्ते मुबारक पर बैअत की और अहले मिस्र व शाम ने मुआविया बिन यज़ीद के हाथ पर बैअत की। ये मुआविया अगर्चे यज़ीद पलीद की अव्लाद थी मगर आदमी नेक और सालेह था, बाप के नापाक अफआल को बुरा जनता था।
     इनान हुक़ूमत हाथ में लेते वक़्त ता दमे मर्ग बीमार ही रहा और किसी काम की तरफ नज़र न डाली और चालीस दिन या दो तिन माह की हुकूमत के बाद 21 साल की उम्र में मर गया। आखिर वक़्त में उस से कहा गया की किसी को खिलाफा करे। उसका जवाब उस ने ये दिया की में ने खिलाफत में कोई हलावत नही पाई तो में इस तल्खी में किसी दूसरे को क्यू मुब्तला करू।
      मुआविया बिन यज़ीद के इन्तिकाल के बाद अहले मिस्र व शाम ने अब्दुल्लाह बिन ज़ुबैरرضي الله تعالي عنه की बैअत की फिर मरवान बिन हुकम ने खुरुज किया और उस को शाम व मिस्र पर क़ब्ज़ा हासिल हुवा। सी .65 ही. में उस का इन्तिकाल हुवा और उसकी जगह उसका बेटा अब्दुल मलिक इसका क़ाइम मक़ाम हुवा। अब्दुल मलिक के अहद में मुख्तार बिन उबैद शक़्फि ने अम्र बिन साद को बुलाया, इब्ने साद का बेटा हफ़्स हाज़िर हुवा। मुख्तार ने दरयाफ़्त किया : तेरा बाप कहा है ? कहा की वो खलवत नशीन हो गया है, घर से बाहर नही निकलता। इस पर मुख्तार ने कहा की अब वो रे की हुक़ूमत कहा है ? जिसकी चाहत में फरज़न्दे रसूल से बे वफाई की थी, अब क्यू इससे दस्त बरदार हो कर घर में बेठा है।
     इसके बाद मुख्तार ने इब्ने साद और उस के बेटे और शिमर नापाक की गर्दन मारने का हुक्म दिया

बाक़ी अगली पोस्ट में.. ان شاء الله
*✍🏽सवानहे कर्बला, 179*
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