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Monday 17 October 2016

*सवानहे कर्बला​* #38
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_शहादत के वाक़ीआत_* #18
     हज़रते अली अकबरرضي الله تعالي عنه फिर मैदान की तरफ लौटे और लश्करे दुश्मन के यमीन व यसयार पर हमला करने लगे, इस मर्तबा लश्कर ने यकबारगि चारो तरफ से घेर कर आप पर हमला कर दिया। आप भी हमला फरमाते रहे और दुश्मन हलाक होते रहे, लेकिन हरो तरफ से नेज़ो के ज़ख्मो ने तने नाज़नीन को चकना चूर कर दिया था और उनका तन अपने खून में नहा गया था, इस हालत आप पुश्ते ज़ीन से रुए ज़मीन पर आए और सरो क़ामत ने खाके कर्बला पर इस्तीराहत की।
     उस वक़्त आप ने आवाज़ दी : ऐ बाबा जान ! मुझ को लीजिये। हज़रते इमामرضي الله تعالي عنه घोडा बढ़ा कर मैदान में पहुचे और जांबाज़ नौनिहाल को ख़ैमे में लाए, उसका सर गोद में लिया, हज़रते अली अकबरرضي الله تعالي عنه ने आँख खोली और अपना सर वालिद की गोद में देख कर फ़रमाया : में देख रहा हु आसमान के दरवाज़े खुले हुए है बहिश्ती हरे शर्बत के जाम लिये इन्तिज़ार कर रही है। ये कहा और जान, जाने आफरी के सुपर्द की।
     अहले बैत का सब्रो तहम्मुल अल्लाहु अकबर ! अली अकबर को इस हाल में देखा और अलहम्दु लिल्लाह कहा, नाज़ के पालो को कुर्बान कर दिया और शुक्रे इलाही बजा लाए, फाके पर फाके है, पानी का नामो निशान नहीं, भूके प्यासे फ़रज़न्द तड़प तड़प कर जाने दे चुके है, जलते रेत पर फ़ातिमी नौ निहाल ज़ुल्मो जफ़ा से ज़बह किये गए। अहले बैत के काफिले में सन्नाटा हो गया है। जिन का कलिमा तस्कीने दिल व राहते जान था वो नूर की तस्वीरें खाको खून में खामोश पड़ी हुई है। आले रसूल ने रिज़ा व सब्र का वो इम्तिहान दिया जिस ने दुन्या को हैरत में डाल दिया है। बड़े से ले कर बच्चे तक मुब्तलाए मुसीबत थे।

बाक़ी अगली पोस्ट में.. ان شاء الله
*✍🏽सवानहे कर्बला, 159*
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