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Thursday 13 October 2016

*सवानहे कर्बला​* #26
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_शहादत के वाक़ीआत_* #06
     वहब ने कहा : ऐ मादरे महेरबान ! खूबी नसीब, ये जान शाहज़ादए कौनैन पर फ़िदा हो जाए और ये नाचीज़ हदिय्या वो आक़ा क़बूल कर ले। में दिलो जान से आमादा हु, एक लम्हा की इजाज़त चाहता हु ताकि बीवी से दो बाते कर लू जिस ने अपनी ज़िन्दगी के ऐसो राहत का सहरा मेरे सर बांधा है, उस की हसरतो के तड़पने का ख्याल है, वो अगर सब्र न कर स्की तो में उस को इजाज़त दे दू की वो अपनी ज़िन्दगी को जिस तरह चाहे गुज़ारे।
     माँ ने कहा बेटा औरते नाकिसुल अक़्ल होती है। मबादा तू उस की बातो में आ जाए और ये सआदते तेरे हाथो से जाती रहे। वहब ने कहा : प्यारी माँ इमामे हुसैन की महब्बत की गिरह दिल में ऐसी मज़बूत लगी है की इस को कोई खोल नही सकता। ये कह कर बीवी की तरफ आया और उसे खबर दी की इमामे हुसैनرضي الله تعالي عنه मैदाने कर्बला में मददगार है और गद्दारो ने उन पर नरगा किया है। मेरी तमन्ना है की उन पर जान निषार करू।
     ये सुनकर नई दुल्हन ने उम्मीद भरे दिल से एक आह खिची और कहने लगी, ऐ मेरे सरताज़ ! अफ़सोस ये है की इस जंग में में आप का साथ नही दे सकती, शरीअत ने औरतो को हर्ब के लिये मैदान में आने की इजाज़त नही दी है। अफ़सोस ! इस सआदत में मेरा हिस्सा नही की इस जाने जहां पर जान कुर्बान करू।
     अभी में ने दिल भर के  आप का चेहरा भी नही देखा है और आप जन्नती चमनिस्तान का इरादा कर दिया। वहा हरे आप की खिदमत की आर्ज़ुमन्द होगी। मुझ से अहद करो की जब सरदाराने अहले बैत के साथ जन्नत में आप के लिए बे शुमार नेमते हाज़िर की जाएगी उस वक़्त आप मुझे न भूल जाए।

     ये नौजवान उस नेक बीवी और अपनी बरगुज़ीदा माँ को ले कर फरज़न्दे रसूल की खिदमत में हाज़िर हुवा।
बाक़ी अगली पोस्ट में.. ان شاء الله
*✍🏽सवानहे कर्बला, 143*
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