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Sunday 9 October 2016

*सज्दए सहव का तरीक़ा*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

➡अत्तहिय्यात पढ़ कर बल्कि अफज़ल ये है की दुरुद शरीफ भी पढ़ लीजिये, सीधी तरफ सलाम फेर कर दो सज्दे कीजिये, फिर तशह्हुद, दुरुद शरीफ और दुआ पढ़ कर सलाम फेर दीजिये।

*सज्दए सहव करना भूल जाए तो..?*

➡सज्दए सहव करना था और भूल कर सलाम फेरा तो जब तक मस्जिद से बहार न हुवा सज्दा करले।
➡मैदान में हो तो जब तक सफों से मुतजाविज़ न हो या आगे को सज्दे की जगह से न गुज़रा, सज्दा करले,
➡जो चीज़ मानए बिना है मसलन कलाम वग़ैरा मुनाफिये नमाज़ अगर सलाम के बाद पाई गई तो अब सज्दए सहव नही हो सकता।
*✍🏽दुर्रेमुखतार*
*✍🏽नमाज़ के अहकाम* स.211
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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