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Saturday 15 October 2016

*सवानहे कर्बला​* #32
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_शहादत के वाक़ीआत_* #12
     उस बद बातिन को यक़ीन हो गया की उस की चर्ब ज़बानी हूर पर अशर नही कर सकती, अहले बैत की महब्बत उस के क्लब में उतर गई है और उसका सीन आले रसूल की विला से ममलु है, कोई मैक्रो फरेब उस पर न चलेगा।
     बाते करते करते एक तीर हूर के सीने पर खीच मारा, हूर ने ज़ख्म खा कर एक नेज़े का वार किया जो साइन से पार हो गया और उसे ज़मीन पर पटक दिया। उस शख्स के 3 भाई थे, यकबारगि हूर पर दौड़ पड़े, हूर ने आगे बढ़कर एक का सर तलवार से उदा दिया। दूसरे की कमर में हाथ डाल कर ज़ीन से उठा कर इस तरह फेका की गर्दन टूट गई। तीसरा भाग निकला और हूर ने उस का टआक़्क़ुब किया, क़रीब पहुच कर उस की पुश्त और नेज़ा मारा वो सीने से निकल गया, अब हूर ने लश्करे इब्ने साद के मैमना पर हमला किया और खूब ज़ोर की जंग हुई, लश्कर इब्ने साद को हूर के जंगी हुन्नर का ऐतिराफ करना पड़ा और वो जाँबाज़ सादीके दादे शुजाअत दे कर फरज़न्दे रसूल पर जान फ़िदा कर गया।
     हज़रते इमामرضي الله تعالي عنه हूर को उठा कर लाए और उसके सर को जानुए मुबारक पर रख कर अपने पाक दामन से उस के चेहरे का गुबार दूर फरमाने लगे, अभी रमके जान बाक़ी थी, आँखे खोली, देखा की इब्ने रसूल की गोद में है। अपने बख्त व मुक़द्दर पर नाज़ करता हुवा फ़िरदौस बरी को रवाना हुवा।

बाक़ी अगली पोस्ट में.. ان شاء الله
*✍🏽सवानहे कर्बला, 150*
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