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Thursday 1 December 2016

*फ़ज़िलते ईदे मिलादुन्नबी* #01
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     *ज़म ज़मो कौसरो तसनीम नहीं लिख सकता..*
     *या नबी आप की ताज़ीम नहीं लिख सकता..*
     *में अगर लाख समंदर भी नीचोदु भी अगर..*
     *आप के नाम की एक मीम नहीं लिख सकता..*

*_12वी रबीउल अव्वल शरीफ_*
     ये इस्लामी महीना जो ईदे मिलादुन्नबी का महीना कहलाता है। रबीउल अव्वल का मानी बहार का पहला महीना होता है, मुख़्तसरमें जश्ने ईदे मिलादुन्नबी अलफ़ाज़ मिलाद जो विलादत से आया है, जिसका मतलब है पैदाइश की जगह और वक़्त बताता है। ये महीना खैरो बरकत, सआदतो का चश्मा है और बे इन्तहा रेहमत और पाकीज़गी का महीना है, क्यू के इस महीने की 12वी तारीख को अल्लाह ने अपने महबूब रहमतुलिल आलमीनﷺ को पैदा फ़रमाया और मख्लुकात जहानों को पैदा फ़रमाया जैसा की अल्लाह ने अपनी मुक़द्दस किताब क़ुरआन में अलग अलग जगहों पर इरशाद फ़रमाया है की :
     *वरफअना लक ज़िकरक (हमने बुलंद किया आपके लिये आपके ज़िक्र को),*
     *लकद जाअकुम रसूलुम मीन अन्फुसे कम (ऐ मोमिनो तुम्हारे पास अज़मत वाला रसूल तशरीफ़ लाए जो तुम्हारे में से है)*
     *लक़द मन्नल्लाहो अलल मोअमिनिन इज़ बअष फिहिम रसुला (हमने मुसलमानो पर बड़ा एहसान किया की उनमे उन्ही में से एक रसूल भेजा)*
    *वजकुरु निअमतल्लाहे अलैकुम (और अल्लाह के एहसान को याद करो) वमा अरसलनाक इल्ला राहमतलिल आलमीन (हमने तुम्हे सारी काएहनात के लिए रहमत बनाकर भेजा)*
     बेशक सरकार अल्लाह की नेअमतें उज़्मा है। अल्लाह क़ुरआन में इरशाद फ़रमाता है, *व अम्मा बे नेअमतें रब्बिक फहद्दीष (अपने रब की नेअमतों का खूब चर्चा करो) और याद करो अल्लाह की नेअमतों को जो तुम पर है।*
सूरए आले इमरान
     मिलाद शरीफ का माना ये है के सरकारﷺ का ज़िक्र करना चर्चा करना। अल्लाह ने इन आयत में हुज़ूरﷺ का ज़िक्र करने का और चर्चा करने का हुक्म फ़रमाया है।
     इसी तरह अल्लाह ने अपने महबूबﷺ की तारीफ़(मिलाद) तमाम आस्मानि किताबो में की है। जिसका ज़िक्र ان شاء الله अगली पोस्ट में।
*✍🏽फ़ज़िलते ईदे मिलादुन्नबी, 5*
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