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Saturday 31 December 2016

*जायज़-नाजायज़ की कसौटी और 11वी शरीफ* #01
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_सुन्नी की तारीफ क्या है ?_* #01
     *सवाल :* सुन्नी की तारीफ़ क्या है ?
     *जवाब :* हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमरرضي الله تعالي عنه से रिवायत है की हुज़ूरﷺ ने फ़रमाया : बनी इस्राइल में 71 फिरके (पार्टिया) हो गए थे, जब की मेरी उम्मत में 73 फिरके हो जायेंगे। उनमे एक फिरके को छोड़ कर बाक़ी सारे के सारे फिरके जहन्नमी होंगे।
     सहाबए किराम ने अर्ज़ किया : या रसूलुल्लाहﷺ ! वो एक फिरका कोनसा है जो जन्नती होगा ?
     आपﷺ ने फ़रमाया : वो लोग उसी मजहब पर डटे रहेंगे जिस पर में और मेरे सहाबा है।
*✍🏽तिर्मिज़ी, 89*
*✍🏽मिश्कात, 30*

     इस हदिष से मालुम हुआ की हुज़ूरﷺ की ये उम्मत 73 फिरको में बट जायेगी लेकिन उनमे सिर्फ एक फिरका जन्नती होगा जो हुज़ूरﷺ और उनके सहाबा के नक्शे कदम पर चलेगी और उन अक़ीदों पर क़ायम रहेगी जिन अक़ीदों को हुज़ूरﷺ ने उम्मत को दिया और उन अक़ीदों को सहाबा ने माना।
     हुज़ूरﷺ के तरीके पर चलने वाले को *"अहले सुन्नत"* और सहाबा की जमाअत थी इसलिए उनके तरीके पर चलने की वजह से नाम हुआ *"अहले सुन्नत व जमाअत"* यानी हुज़ूरﷺ और जमाअत (सहाबा) के तरीके पर चलने वाला। बाद में हल्का-फुल्का शोर्ट नाम *"सुन्नी"* हुआ।

बाक़ी अगली पोस्ट में.. ان شاء الله
*✍🏽जायज़-नाजायज़ की कसौटी और 11वी शरीफ, 3*
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