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Wednesday 14 December 2016

*_नमाज़ी के लिये नूर_*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     सरकारे दो आलम ﷺ का इरशादे गिरामी है : जो शख्स नमाज़ की हिफाज़त करे उसके लिये नमाज़ क़यामत के दिन नूर, दलील और नजात होगी.
     और जो इसकी हिफाज़त न करे उस के लिये ब रोज़े क़यामत न नूर होगा और न दलील और न ही नजात। और वो शख्स क़यामत के दिन फिरौन, क़ारून, हमान और उबय बिन खलफ़् के साथ होगा।
*✍🏽मजमउल जवाअद, 2/21, हदिष:1611*

*_किसका किसके साथ हशर होगा_*
     हज़रते मुहम्मद बिन अहमद ज़हबी अलैरहमा नक़ल करते है, बाज़ उलमए किराम रहमतुल्लाह अलैह फरमाते है : नमाज़ के तारिक को इन 4 (फिरऔन, क़ारून, हामान ओर उबय बिन खलफ़्) के साथ इस लिये उठाया जाएगा की लोग उमुमन दौलत, हुकूमत, वज़ारत और तिजारत की वजह से नमाज़ को तर्क करते है।
     जो हुकूमत की मशगुलिययत के सबब नमाज़ नहीं पढेगा उसका हशर फिरऔन के साथ होगा।
     जो दौलत के बाइस नमाज़ को तर्क करेगा तो उसका क़ारून के साथ हशर होगा।
     अगर तर्के नमाज़ का सबब वज़ारत होगी तो फिरऔन के वज़ीर हामान के साथ हशर होगा।
     अगर तिजारत की मसरुफिय्यत की वजह से नमाज़ छोड़ेगा तो उस को मक्कए मुकर्रमा के बहुत बड़े काफ़िर ताजिर उबय बिन खलफ़् के साथ बरोज़े क़यामत उठाया जाएगा।
*✍🏽किताब अल-कबीर, 21*

*_शदीद ज़ख़्मी हालत में नमाज़_*
     जब हज़रते उमर फारुके आज़म رضي الله تعالي عنه पर क़ातिलाना हमला हुआ तो अर्ज़ की गई, ऐ अमीरुल मुअमिनीन ! नमाज़ का वक़्त है, फ़रमाया, जी हा, सुनिये ! जो शख्स नमाज़ को जाए करता है उसका इस्लाम में कोई हिस्सा नहीं। और आप ने शदीद ज़ख़्मी होने के बा वुज़ूद नमाज़ अदा फ़रमाई।
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, 144-145*
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खादिमे दिने नबी ﷺ *मुहम्मद मोईन*
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