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Thursday 29 December 2016

*फैज़ाने सिद्दीके अकबर* #10
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_सिद्दीके अकबर का बचपन_*
     हज़रते अबू बक्र सिद्दीक़رضي الله تعالي عنه ने कभी बूत को सज्दा न किया। चन्द बरस की उम्र में आपرضي الله تعالي عنه के वालिद बुतखाने में ले गए और कहा : ये है तुम्हारे बुलन्दो बाला खुदा, इन्हें सज्दा करो। फिर उन्हें अकेला छोड़ कर चले गए।
     जब आपرضي الله تعالي عنه बूत के सामने तशरीफ़ ले गए और फ़रमाया : में भूका हु मुझे खाना दे, में नंगा हु मुझे कपडा दे, में पथ्थर मारता हु अगर तू खुदा है तो अपने आप को बचा। वो बूत भला क्या जवाब देता। आपرضي الله تعالي عنه ने एक पथ्थर मारा जिस के लगते ही वो गिर पड़ा और क़ुव्वते खुदादाद की ताब न लाते हुवे टुकड़े टुकड़े हो गया। बाप ने ये हालत देखि तो उन्हें गुस्सा आया, और वहा से आप की माँ के पास लाए, सारा वाक़ीआ बयान किया। माँ ने कहा :
     इसे इस के हाल पर छोड़ दो जब ये पैदा हुवा था तो ग़ैब से आवाज़ आई थी की : ऐ अल्लाह की सच्ची बंदी ! तुझे खुश खबरी हो ये बच्चा अतीक़ है, आसमानों में इसका नाम सिद्दीक़ है, मुहम्मदﷺ का साहिब और रफ़ीक़ है।
     ये रिवायत सिद्दीके अकबरرضي الله تعالي عنه ने खुद मजलिसे अक़दस में बयान की। जब ये बयान कर चुके तो हज़रते जिब्राईल हाज़िरे बारगाह हुवे और अर्ज़ की अबू बक्र ने सच कहा और वो सिद्दीक़ है। और तिन बार यही अलफ़ाज़ दोहराए।
*✍🏽फैज़ाने सिद्दीके अकबर, 36*
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