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Thursday 2 June 2016

सिरते मुस्तफा ﷺ

जंगे उहुद

मुसलमानो की तैयारी और जोश
हिस्सा~02

➡हुज़ूर ﷺ ने सब की राय सुनली। फिर मकान में जा कर हथियार जेब तन फ़रमाया और भार तशरीफ़ लाए। अब तमाम लोग इस बात पर मुत्तफ़िक़ हो गए कि शहर के अंदर ही रह कर कुफ़्फ़ारे कुरैश के हमलो को रोका जाए

➡मगर हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया कि मैगम्बर के लिये ये ज़ेबा नहीं है कि हथियार पहन कर उतार दे यहाँ तक कि अल्लाह तआला उसके और उसके दुश्मनो के दरमियान फैसला फ़रमा दे। अब तुम लोग खुदा का नाम ले कर मैदान में निकल पड़ो। अगर तुम लोग सब्र के साथ मैदाने जंग में डटे रहोगे तो ज़रूर तुम्हारी फ़त्ह होगी।

➡फिर हुज़ूर ﷺ ने अन्सार के क़बिलए औस का झन्डा हज़रते उसैद बिन हुज़ैर को और क़बिलए खज़रज का झन्डा हज़रते खब्बाब बिन मुन्ज़िर को और मुहाजिरिन का झन्डा हज़रते अली رضي الله تعالي عنه को दिया और एक हज़ार की फ़ौज़ ले कर मदीने से बाहर निकले।
*✍🏽सिरते मुस्तफा* स.253

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