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Saturday 18 June 2016

बुग्ज़ व किना

*इल्म और आलिम से बुग्ज़ रखने वाला हलाक हो जाएगा*
*ﺑِﺴْـــــــﻢِﷲِﺍﻟﺮَّﺣْﻤَﻦِﺍلرَّﺣِﻴﻢ*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

सरकार मदीना ﷺ ने फ़रमाया :
आलिम बन या मूतअल्लिम, या इल्मी गुफ्तगू सुनने वाला या इल्म से महब्बत करने वाला बन और इल्म व आलिम से बुग्ज़ रखने वाला न बन कि हलाक हो जाएगा।
*✍🏽अलजामि अलसगिर 78*

आला हज़रत अलैरहमा फरमाते है अगर आलिमे दीन को इस लिये बुरा कहता है कि वो आलिम है जब तो सरिह काफ़िर है और अगर ब वजहे इल्म उस की ताज़ीम फ़र्ज़ जानता है मगर अपनी किसी दुन्यवि दुश्मनी के बाईष् बुरा कहता है, गाली देता है और तहक़ीर करता है तो सख्त फ़ासिक़ फाजिर है
और अगर बे सबब बुग्ज़ रखता है तो मृजुल क्लब खबिशूल बातिन (यानी दिल का मरीज़ और नापाक बातिन वाला है)
*✍🏽फतावा रज़विय्या 21/129*

खुलासा में है : जो बिला किसी ज़ाहिरी वजह के आलिमे दिन से बुग्ज़ रखे उस पर कुफ़्र का खौफ है।
*✍🏽खुलासुल फतावा 4/388*
*✍🏽बुग्ज़ व किना 27,28*
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