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Monday 20 June 2016

तफ़सीरे अशरफी


हिस्सा~16
*​​सूरए बक़रह, पारह-01​*​
*ﺑِﺴْـــــــﻢِﷲِﺍﻟﺮَّﺣْﻤَﻦِﺍلرَّﺣِﻴﻢ*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*​आयत ①③_तर्जुमह*
और जब भी कहा गया उनके भलेको के "मान जाओ, जैसा मान चुके सब लोग" बोले "क्या हम माने, जैसा के माना है बेवकुफो ने? सुन रख्खो ! के बिला शुबह वही बेवकूफ है। लेकिन नादानी करते है।

*तफ़सीर*
और जब भी कहा गया और समझाया गया उनके भले को के अल्लाह के अज़ाबसे बच जाए के अब तुम भी मान जाओ ईमान क़ुबूल कर लो जैसा मान चुके अब्दुल्लाह इब्ने सलाम और उनके साथी और सब लोग, तो जवाब में बोले के क्या हम माने ईमान ले आए उसी तरह जेसा के माना है उन सब बेवकूफोने। अक्ल व इल्मवालो को बेवकूफ क़रार दे रहे है। कान खोल कर सुन रख्खो के बिला सूबा वही और हा ! वही बेवकूफ व अहमक है। लेकिन वो खुद ही नादानी करते है और अपनी जेहालत दिखाते है।
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