Pages

Monday 13 June 2016

सिरते मुस्तफा ﷺ


*जंग उहूद*
_अबू दजाना की खुश नसीबी_
हिस्सा~01
*بسم الله الرحمن الرحيم*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

हज़रते अबू दजाना ने अर्ज़ किया कि या रसूलल्लाह ﷺ ! में इस तलवार को इसके हक़ के साथ लेता हु। फिर वो अपने सर पर एक सुर्ख रंग का रुमाल बांध कर अकड़ते और इतराते हुए मैदाने जंग में निकल पड़े और दुश्मनो की सफों को चीरते हुए और तलवार चलाते हुए आगे बढ़ते चले जा रहे थे कि एक दम उनके सामने अबू सुफ़यान की बीवी हिन्द आ गई। हज़रते अबू दजाना ने इरादा किया की इस पर तलवार चला दे मगर फिर इस खयाल से तलवार हटा ली की रसूलल्लाह ﷺ की मुक़द्दस तलवार के लिये ये ज़ेब नही देता की वो किसी औरत का सर काटे।

हज़रते अबू दजाना की तरह हज़रते हमज़ा और हज़रते अली رضي الله تعالي عنه भी दुश्मनो की सफों में घुस गए और कुफ्फार का क़त्ले आम शुरू कर दिया।

हज़रते हम्ज़ा इन्तिहाई जोशे जिहाद में दो दस्ती तलवार मरते हुए आगे बढ़ते जा रहे थे। इसी हालत में सबाअ गबशानि सामने आ गया आप ने तड़प कर फ़रमाया की ऐ औरत का खतना करने वाली औरत के बच्चे ! ठहर खा जाता है ? तू अल्लाह व रसूल से जंग करने चला आया है। ये कह कर उस पर तलवार चला दी, और वो दो टुकड़े हो कर ज़मीन पर ढेर हो गया।
*सिरते मुस्तफा 261*
___________________________________
📮Posted by:-
​DEEN-E-NABI ﷺ​
💻JOIN WHATSAPP
📲+91 9723 654 786
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in

No comments:

Post a Comment