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Sunday 26 June 2016

नमाज़ के अहकाम

*क़ज़ा नमाज़ का तरीका*
*بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*हज़ारो बरस के अज़ाब का हक़दार*
मौलाना शाह इमाम अहमद रज़ा खान अलैरहमा फरमाते है :
जिसने कसदन एक वक़्त की नमाज़ छोड़ी हज़ारो बरस जहन्नम में रहने का मुस्तहिक़ हुवा, जब तक तौबा न करे और उस की क़ज़ा न कर ले, मुसलमान अगर उसकी ज़िन्दगी में उसे यक-लख्त छोड़ दे उससे बात न करे, उसके पास न बेठे, तो ज़रूर वो इस का सज़ावार है।
अल्लाह तआला फ़रमाता है :
_और जो कही तुझे शैतान भुलावे तो याद आए पर जालिमो के पास न बेठे।_
*पारह 7*
*✍🏽फतावा रज़विय्या 9/158*
*✍🏽नमाज़ के अहकाम 242*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*​
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