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Friday 3 June 2016

नमाज़ के अहकाम

सज्दए तिलावत और शैतान की शामत

अल्लाह के महबूब ने फ़रमाया :
जब जब आदमी आयते सज्दा पढ़ कर सज्दा करता है, शैतान हट जाता है और रो कर कहता है, हाय मेरी बर्बादी ! इब्ने आदम को सज्दे का हुक्म हुवा उसने सज्दा किया उसके लिये जन्नत है और मुझे हुक्म हुवा मेने इन्कार किया मेरे लिये दोज़ख है।
#सहीह मुस्लिम 1/61

इन्शा अल्लाह हर मुराद पूरी हो

जिस मक़सद के लिये एक मजलिस में सज्दे की सब (यानी 14) आयते पढ़ कर सज्दे करे अल्लाह उसका मक़सद पूरा फ़रमा देगा। ख्वाह एक एक आयत पढ़ कर उसका सज्दा करता जाए या सब पढ़ कर आखिर में 14 षड करले।
#गुन्या, दुर्रेमुखतार
#नमाज़ के अहकाम स.211

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