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Friday 17 June 2016

तफ़सीरे अशरफी



हिस्सा~12
*بسم الله الرحمن الرحيم*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*
_*​​सूरए बक़रह, पारह-01​*_​

*आयत ⑧ _तर्जुमह*
और आमियो मेसे कोई कोई कहता है के "मान चूजे हम लोग अल्लाह को और पिछले दिनको" हालांके नही है वो माननेवालों में से।

*तफ़सीर*
और जाहिलो आमियो में से जो सूज बुज़ नही रखते कोई कोई मषलन अब्दुल्लाह इब्ने उबय और जद बिन कैस और मोअतबह बिन कुशैर वगैरह बकता रहता है और ये ज़बांसे कहता है के मान तो चुके हम लोग अल्लाह को उस पर ईमान ले आये और पिछले दिनको यानी क़यामत पर भी ईमान ला चुके। हाला के सच ये है के नही है वो माननेवालों में से। मानना दिलका कम है, ज़बान का नही है। जो उनकी ज़बान पर है उसका दिलमे कोई असर ही नही है।
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