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Friday 17 June 2016

नमाज़ के अहकाम

*मुसाफिर की नमाज़*
*ﺑِﺴْـــــــﻢِﷲِﺍﻟﺮَّﺣْﻤَﻦِﺍلرَّﺣِﻴﻢ*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_सफर के दो रस्ते_*
किसी जगह जाने के दो रस्ते है एक से मसाफ़ते सफर है दूसरे से नही (यानी नजदीक वाले रस्ते से जाए तो 90 k.m और दूर वाले रस्ते से 92k.m है) तो जिस रस्ते से ये जाएगा उस का ऐतिबार है, नज़दीक वाले रस्ते से गया तो मुसाफिर नही और दूर वाले से गया तो है अगर्चे इस रस्ते के इख़्तियार करने में इस की कोई गरजे सहीह न हो।
*✍🏽आलमगिरी 1/138*
*✍🏽दुर्रेमुखतर मअ रद्दलमोहतर 2/603*

*_मुसाफिर कब तक मुसाफिर है_*
मुसाफिर उस वक़्त तक मुसाफिर है जब तक अपनी बस्ती में पहुच न जाए या आबादी में पुरे 15 दिन ठहर ने की निय्यत न करले, ये उस वक़्त है जब पुरे 92 k.m चल चूका हो अगर 92 k.m पहले वापसी का इरादा कर लिया तो मुसाफिर न रहा अगर्चे जंगल में हो।
*✍🏽दुर्रेमुखतार मअ रद्दलमोहतर 2/605*
*✍🏽नमाज़ के अहकाम 226*
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​DEEN-E-NABI ﷺ​
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