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Wednesday 29 June 2016

सिरते मुस्तफा ﷺ


*जंगे उहूद*
*بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_ताजदारे दो आलम ﷺ ज़ख़्मी_*
हिस्सा~01
इसी सरासिमगि और परेशानी के आलम में जब कि बिखरे हुए मुसलमान अभी हुज़ूर ﷺ के पास जमा भी नही हुए थे कि अब्दुल्लाह बिन कमीआ जो कुरैश के बहादुरो में था। उस ने ना गहा हुज़ूर ﷺ को देख लिया। एक दम बिजली की तरह सफों को चीरता हुवा आया और हुज़ूर ﷺ पर क़ातिलाना हमला कर दिया। ज़ालिम ने पूरी ताकत से आप ﷺ के चेहरए अन्वर पर तलवार मारी जिस से खौद की दो कड़िया रूखे अन्वर में चुभ गई।

एक दूसरे काफ़िर ने आप के चेहरए अक़दस पर ऐसा पथ्थर मारा कि आप ﷺ के दो दन्दाने मुबारक शहीद, और निचे का मुक़द्दस होंट ज़ख़्मी हो गया।

इसी हालत में उब्य्य बिन खल्फ़ मलऊन अपने घोड़े पर सुवार हो कर आप को शहीद कर देने की निय्यत से आगे बढ़ा।

बाक़ी कल की पोस्ट में..इन्शा अल्लाह
*✍🏽सिरते मुस्तफा 271*
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