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Tuesday 14 June 2016

सिरते मुस्तफा ﷺ


*​जंग उहूद*​
*بسم الله الرحمن الرحيم*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_हज़रते हम्ज़ा की शहादत_*
वहशी जो एक हबशी गुलाम था और उसका आक़ा जबीर बिन मूतअम  उस से वादा कर चूका था कि तू अगर हज़रते हम्ज़ा رضي الله تعالي عنه को क़त्ल कर दे तो में तुझको आज़ाद कर दूंगा। वहशी एक चट्टान के पीछे छुपा हुवा था और हज़रते हम्ज़ा की टाक में था जू ही आप उस के क़रीब पहुचे उसने दूर से अपन नेज़ा फेक कर मारा जो आप की नाफ में लगा। और पुश्त के पार हो गया। इस हालत में भी हज़रते हम्ज़ा तलवार ले कर उसकी तरफ बढ़े मगर ज़ख्म की ताब न ला कर गिर पड़े और शहादत से शरफराज़ हो गए।
*सिरते मुस्तफा 261*
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