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Thursday 30 June 2016

सिरते मुस्तफा ﷺ


*जंगे उहूद*
*بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_ताजदारे दो आलम ﷺ ज़ख़्मी_*
हिस्सा~02
जेसे ही उबय्य बिन खल्फ़ आप को शहीद करने की निय्यत से आगे बढ़ा हुज़ूरे अक़दस ﷺ ने अपने एक जा निशार सहाबी हज़रते हारिष बिन समा رضي الله تعالي عنه से एक छोटा सा नेज़ा ले कर उबय्य की गर्दन पर मारा जिस से वो तिलमिला गया।
गर्दन पर बहुत मामूली ज़ख्म आया और वो भाग निकला मगर अपने लश्कर में जा कर अपनी गर्दन के ज़ख्म के बारे में लोगो से अपनी तकलीफ और परेशानी ज़ाहिर करने लगा और बे पनाह ना क़ाबिले बर्दाश्त दर्द की शिकायत करने लगा।
इस और उसके साथियो ने कहा की "ये तो मामूली खराश है, तुम इस क़दर ओरेशां क्यू हो ?" उस ने कहा कि तुम लोग नही जानते कि एक मर्तबा मुझ से मुहम्मद ने कहा था कि में तुम को क़त्ल करूँगा इस लिये। ये तो बहर हाल ज़ख्म है मेरा ऐतिक़ाद है कि अगर वो मेरे ऊपर थूक देते तो भी में समझ लेता कि मेरी मौत यक़ीनी है।

इसका वाकिया कल की पोस्ट में..इन्शा अल्लाह
*✍🏽सिरते मुस्तफा 272*
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