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Wednesday 22 June 2016

नमाज़ के अहकाम

*मुसाफिर की नमाज़*
*بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

_*मुसाफिर तीसरी रकअत के लिये खड़ा हो जाए तो ?*_
अगर मुसाफिर क़सर वाली नमाज़ की तीसरी रकअत शुरू कर दे तो इसकी दो सूरते है...
1 ब क़दरे तशह्हुद क़ायद ए आख़िरा कर चूका था तो जब तक तीसरी रकअत का सज्दा न किया हो लौट आए और सज्दए सहव करके सलाम फेर दे अगर न लौटे और खड़े खड़े सलाम फेर दे तो भी नमाज़ हो जाएगी मगर सुन्नत तर्क हुई। अगर तीसरी रकअत का सज्दा कर लिया तो एक और रकअत मिला कर सज्दए सहव करके नमाज़ मुकम्मल करे ये आखरी दो रकअते नफ्ल शुमार होगी।
2 क़ायदए आख़िरा किये बैगेर खड़ा हो गया था तो जब तक तीसरी रकअत का सज्दा न किया लोट आए और सज्दए सहव कर के सलाम फेर दे अगर तीसरी रकअत का सज्दा कर लिया फ़र्ज़ बातिल हो गए अब एक और रकअत मिला कर सज्दए सहव करके नमाज़ मुकम्मल करे चारो रकअत नफ्ल शुमार होगी। दो रकअत फ़र्ज़ अदा करने अभी जिम्मे बाक़ी है।
*दुर्रेमुखतार मअ रद्दलमोहतार 2/550*
*नमाज़ के अहकाम 235*
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