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Tuesday 21 June 2016

सिरते मुस्तफा


*जंगे उहूद*
*بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

कुफ्फार ने गुल मचा दिया कि मआज़अल्लाह हुज़ूर क़त्ल हो गए।
अल्लाहु अकबर ! इस आवाज़ ने गज़ब ही ढा दिया मुसलमान ये सुनकर बिलकुल ही सरासीमा और परागन्दा दिमाग हो गए और मैदाने जंग छोड़ कर भागने लगे। बड़े बड़े भाडुबो के पाउ उखड गए और मुसलमानो में तिन गिरोह हो गए। कुछ लोग तो भाग कर मदीने के क़रीब पहुच गए, कुछ लोग सहम कर मुर्दा दिल हो गए जहां थे वही रह गए अपनी जान बचाते रहे या जंग करते रहे, कुछ लोग जिन की तादाद तक़रीबन 12 थी वो रसूलल्लाह ﷺ के साथ शाबित क़दम रहे।

इस हलचल में और भगदड़ में बहुत से लोगो ने तो बिलकुल ही हिम्मत हार दी और जो जाबाज़ी के साथ लड़ना चाहते थे वह भी दुश्मनो के दो तरफा हमलो के नरगे में फस कर मजबूर व लाचार हो चुके थे।

हुज़ूर ﷺ कहा है ? और किस हालमें है ? किसी को इस की खबर नहीं थी।

बाक़ी कल की पोस्ट में..इन्सा अल्लाह
*सिरते मुस्तफा 266*
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