Pages

Wednesday 1 June 2016

सिरते मुस्तफा ﷺ

जंगे उहुद

*मुसलमानो की तैयारी और जोश*
हिस्सा~01

➡14 शव्वाल सि.3 हि. जुमुआ की रात में हज़रते साद बिन मुआज़ व हज़रते उसैद बिन हुज़ैर व हज़रते साद बिन उबादा رضي الله تعالي عنه हथियार ले कर चन्द अन्सारियो के सथब्राट भर काशानए नुबुव्वत का पहरा देते रहे और शहरे मदीना के अहम नाको पर भी अन्सार का पहरा बिठा दिया गया।

➡सुबह को हुज़ूर ﷺ ने अन्सार व मुहाजिरिन को जमा फ़रमा कर मशवरा तलब फ़रमाया कि शहर के अंदर रह कर दुश्मनो की फैज का मुक़ाबला किया जाए या शहर से बाहर निकल का मैदान में ये जंग लड़ी जाए ?
*⃣मुहजीरिन ने आप तौर पर और अन्सार में से बड़े बुढो ने ये राय दी की औरतो और बच्चों को क़ल्ओ में महफूज़ कर दिया जाए और शहर के अंदर रह कर दुश्मनो का मुक़ाबला किया जाए।

➡मुनाफ़िक़ों का सरदार अब्दुल्लाह बिन उबय्य भी उस मजलिस में मौजूद था। उसने भी यही कहा की शहर में पनाह गिर हो कर कुफ़्फ़ारे कुरैश के हमलो की मुदाफअत की जाए, मगर चन्द कमसिन नौ जवान जो जंगे बद्र में शरीक नही हुए थे और जोशे जिहाद में आप से बहार हो रहे थे वो इस राय पर अड़ गए कि मैदान में निकल कर दुश्मने इस्लाम से फैसला कुन जंग लड़ी जाए।

📮बाक़ी कल की पोस्ट में..इन्शा अल्लाह

*✍🏽सिरते मुस्तफा* स.251

📮Posted by:-👇🏿👇🏿

*DEEN-E-NABI ﷺ*
💻JOIN WHATS APP & FB PAGE...
📧 https://m.facebook.com/profile.php?id=1632620910354862&ref=finch_more
📲+91 9723 654 786

No comments:

Post a Comment