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Sunday 7 August 2016

सिरते मुस्तफाﷺ


*_गज़्वाए बनू नज़ीर_*
हिस्सा-01
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     हज़रते अम्र बिन उमय्या ज़मरीرضي الله تعالي عنه ने क़बिलए बनू किलाब के जिन दो शख्सों को क़त्ल कर दिया था और हुज़ूरﷺ ने उन दोनों का खून बहा अदा करने का एलान फरमा दिया था इसी मुआमले के मुतअल्लिक़ गुफ्तगू करने के लिये हुज़ूरﷺ क़बिलए बनू नज़ीर के यहूदियो के पास तशरीफ़ ले गए, क्यू की इन यहूदियो से आप का मुआह्दा था मगर यहूदी दर हक़ीक़त बहुत ही बद बातिन जेहनिययत वाली क़ौम है मुआह्दा कर लेने के बा वुजूद इन खबिशो के दिलो में मैगम्बरे इस्लाम की दुश्मनी और इनाद की आग भरी हुई थी।
      हुज़ूरﷺ इन बद बातीनो से अहले किताब होने की बिना पर अच्छा सुलूक फरमाते थे मगर ये लोग हमेशा इस्लाम की बेख कुनी और बानिये इस्लाम की दुश्मनी में मसरूफ़ रहे।
     मुसलमानो से बुग्ज़ो इनाद और कुफ्फार व मुनाफ़िक़ीन से साज़बाज और इत्तिहाद येही हमेशा इन गद्दारो का तर्ज़े अमल रहा।
चुनांचे इस मौके पर जब रसूलल्लाहﷺ उन यहूदियो के पास तशरीफ़ ले गए तो उन लोगो ने ब ज़ाहिर तो बड़े अख़लाक़ का मुज़ाहरा किया मगर अंदरुनी तौर पर बड़ी ही खौफनाक साजिश और इन्तिहाई खतरनाक स्किम का मन्सूबा बना लिया।

बाक़ी कल की पोस्ट में... انشاء الله
*✍🏽सिरते मुस्तफा, 296*
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खादिमे दिने नबी ﷺ, *मुहम्मद मोईन*
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