#03
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*
*_कुरैश की एक बा किरदार खातुन_*
हमने पिछली पोस्ट में पढ़ा के हमारे आक़ाﷺ ने तिजारत के माल को किस तरह दियानतदारि के साथ फरोख्त फ़रमाया और अपने अमीन होने का अमली सुबूत पेश करके ये बता दिया की लोगो के अमवाल की हिफाज़त करना और उसमे किसी किस्म की खियानत न करना हर मुसलमान बिल खुसुस एक अच्छे ताजिर की ज़िम्मेदारी है।
हदिष में है : बेशक सबसे पाकीज़ा कमाई उन ताजीरो की है जो बात करे तो झूट न बोले, जब उनके पास अमानत रखी जाए तो उस में खियानत न करे, जब वादा करे तो उसकी खिलाफ वरज़ी न करे।
*✍🏽शोएबुल ईमान, 4/221*
याद रकिये ! अमानत में खियानत, हराम और जहन्नम में ले जाने वाला काम है। अल्लाह ने हमे इससे बचने का हुक्म फ़रमाया है। पारह 9 सूरतुल अनफाल की आयत 27 में इरशाद होता है :
*ऐ ईमान वालो ! अल्लाह व रसूल से दगा न करो और न अपनी अमानतों में दानिस्ता खियानत*
और पारह 5, सुरतुन्निसा की आयत 58 में अमानतों को लौटाने का हुक्म फ़रमाया है :
*बेशक अल्लाह तुम्हे हुक्म देता है की अमानतें जिन की है उन्हें सिपुर्द करो*
हदिष में कामिल मोमिन की ये सिफत बयान की गई है कि मोमिन हर आदत अपना सकता है मगर झुटा और खियानत करने वाला नही हो सकता।
जब की मुनाफ़िक़ अमानत में खियानत करता है जैसा कि फरमाने मुस्तफाﷺ है :
मुनाफ़िक़ की 3 निशानिया है, जब बात करे झूट कहे, जब वादा करे तो खिलाफ करे और जब उसके पास अमानत रखी जाए तो खियानत करे।
*✍🏽फैज़ाने खदीजतुल कुब्रा, 5*
___________________________________
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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हदिष में है : बेशक सबसे पाकीज़ा कमाई उन ताजीरो की है जो बात करे तो झूट न बोले, जब उनके पास अमानत रखी जाए तो उस में खियानत न करे, जब वादा करे तो उसकी खिलाफ वरज़ी न करे।
*✍🏽शोएबुल ईमान, 4/221*
याद रकिये ! अमानत में खियानत, हराम और जहन्नम में ले जाने वाला काम है। अल्लाह ने हमे इससे बचने का हुक्म फ़रमाया है। पारह 9 सूरतुल अनफाल की आयत 27 में इरशाद होता है :
*ऐ ईमान वालो ! अल्लाह व रसूल से दगा न करो और न अपनी अमानतों में दानिस्ता खियानत*
और पारह 5, सुरतुन्निसा की आयत 58 में अमानतों को लौटाने का हुक्म फ़रमाया है :
*बेशक अल्लाह तुम्हे हुक्म देता है की अमानतें जिन की है उन्हें सिपुर्द करो*
हदिष में कामिल मोमिन की ये सिफत बयान की गई है कि मोमिन हर आदत अपना सकता है मगर झुटा और खियानत करने वाला नही हो सकता।
जब की मुनाफ़िक़ अमानत में खियानत करता है जैसा कि फरमाने मुस्तफाﷺ है :
मुनाफ़िक़ की 3 निशानिया है, जब बात करे झूट कहे, जब वादा करे तो खिलाफ करे और जब उसके पास अमानत रखी जाए तो खियानत करे।
*✍🏽फैज़ाने खदीजतुल कुब्रा, 5*
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