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Monday 22 August 2016

फुतूह अल ग़ैब

*अवामिर की ताअमिल(एहकाम) और नवाहीसे इजतिनाब (परहेज):*
(हिस्सा 6)
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*
   
      मसाइल बन्दे को खुदाके कुर्ब की नेअमतोसे नवाजते है। इसलिएये  अगर मुसीबतें या बलाए आऐं तो समज़ो के वो तुम्हें हलाक करने के लिये नहीं बल्के इस अम्र में तुम्हारी आजमाइशे और ईमान की सहेत व्  तकमील है। यूं तुम्हें ईकान (यकीन) की पुख्ता असास (बुनियाद) मयस्सर होगी और तुम्हारे लिये इस्तेक़ामत के मुज़ाहेरे पर ख़ुशी भी है और फ़ख़्र भी।
      खुदा तआला खुद फरमाता है: "बेशक हम तुम्हें आजमाइशमें इसी खातिर डालते हैं के तुम जेहाद करने वाले और सब्र करनेवालोंकी पहेचान हो जाए और तुम्हारे आमाल-व-किरदारका इम्तेहान हो।"

बाक़ी कल की पोस्ट में... इंसा अल्लाह
*✍🏽फुतूहल ग़ैब*  पेज 30
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खादिमे दिने नबी ﷺ
 *फ़ैयाज़ सैय्यिद*
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