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Wednesday 31 August 2016

शाने खातुने जन्नत

#03
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_फातिमा की वजहे तसमिया_*
     खतूने जन्नत के बाबाजान, रहमते अल्मिय्यान्न , महबूबे रहमान ﷺ का फरमाने आलिशान है : इस ( यानी मेरी बेटी) का नाम फातिमा इस लिए रखा गया क्योंकि अल्लाह तआला ने इस को और इस के मुहिब्बीन को दोज़ख़ से आज़ाद किया है।
*✍🏽कन्ज़ुल उम्माल, 12/50*

     हज़रते सय्यिदुना अब्दुल्लाह बिन मसऊदرضي الله تعالي عنه फार्मते है की हुज़ूर ﷺ ने फरमाया: बेशक फातिमा ने पाक दामनी  इख्तियार कि और अल्लाह तआला ने इस की अवलाद को दोज़ख़ पर हराम फरमा दिया है।
*✍🏽अलमुस्तदरक लिल्हाकिम, 4/135*

     हज़रते सय्यिदुना अनस बिन मालिकرضي الله تعالي عنه फरमाते है में अपनी वालिदा से फातिमातुज़्ज़हराرضي الله تعالي عنها के मुतअल्लिक़ पूछा तो फ़रमाया: सय्यिदि चौदहवीं रात के चाँद की तरह हसिनो जमील थी।
*✍🏽अलमुस्तदरक लिल्हाकिम, 4/149*
*✍🏽शाने खातुने जन्नत, 19*
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