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Friday 19 August 2016

फैज़ाने खादीजतुल कुब्रा

#01
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

*_कुरैश की एक बा किरदार खातुन_* #01
     हज़रते खादीजतुल कुब्राرضي الله تعالي عنها जो मिमिनिन की माँ, प्यारे आक़ाﷺ की गम गुसार, हज़रते फातिमाرضي الله تعالي عنها और दीगर शाहज़ादो और शाहज़ादियो की वालिदा और इमाम हसन व हुसैनرضي الله تعالي عنهم की नानी जान है।
     आपرضي الله تعالي عنها बड़े पैमाने पर तिजारत किया करती थी। हर ताजिर की तरह आप को भी ऐसे ज़ी शुऊर, होश्यार, बा स्लाहिय्यत और सलीक़ा मन्द अफ़राद की ज़रूरत रहती थी जो अमीन और दियानतदार हो।
     उधर सरकारﷺ के हुस्ने अख़लाक़, सच्चाई, ईमानदारी और डियानतदारी का शोहरा हर खासो आम की ज़बान पर था। आपﷺ अपने गेर मामूली अख़लाक़ी व मुआशरती औसाफ की बिना पर अख़लाक़ी पस्ती के उस दौरे जाहिलिय्यत में ही अमीन कह का पुकारे जाते थे।
     हज़रते खदीजाرضي الله تعالي عنها तक भी अगर्चे आप की इन सिफ़ाते आलिया की शोहरत पहुच चुकी थी और इस वजह से आप, हुज़ूरﷺ को अपना सामान दे कर तिजारती काफ्ले के साथ रवाना भी करना चाहती थी, लेकिन ये ख्याल करके के मालूम नही हुज़ूरﷺ इसे क़बूल फरमाएंगे भी या नही, अपना इरादा तर्क कर देती।
     शबो रोज़ गुज़रते रहे, हत्ता कि रसूले खुदा के एलाने नुबुव्वत से तक़रीबन 15 बरस पहले का दौर आया। गुज़श्ता सालो की तरह इस साल भी अहले अरब का तिजारती काफिला मुल्के शाम के सफर पर जाने को तैयार है। हज़रते खदीजाرضي الله تعالي عنها ने भी आपﷺ की तरफ पैगाम भेजा कि मुझे आप की सच्चाई, अमानतदारी और अच्छे अख़लाक़ का इल्म है, अगर आप मेरे माल को तिजारत के लिये ले जाने की पेशकश क़बूल फरमा ले तो में आप को उससे दुगना मुआवज़ा दूंगी, जो आप की क़ौम के दूसरे लोगो को देती हु। रसूलल्लाहﷺ ने इसे क़ुबूल फ़रमाया।

बाक़ी अगली पोस्ट में.. انشاء الله
*✍🏽फैज़ाने खदीजतुल कुब्रा, 4*
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