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Thursday 11 August 2016

अब्लाक़ घोड़े सुवार

*क़ुरबानी के मसाइल*
*_गोश्त के आज्ज़ा जो नही खाए जाते_*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     आला हज़रत अलैरहमा फरमाते है : हलाल जानवर के सब आज्ज़ा हलाल है मगर बाज़ कि हराम या ममनुअ या मकरूह है,
रगो का खून
पित्ता
फुकना (यानी मसाना)
अलामाते मादा व नर
बैज़े (यानी कपुरे)
गुदुद
हराम मग्ज़
गर्दन के दो पठ्ठे कि शानो तक खिचे होते है
जिगर (यानी कलेजी) का खून
तिल्ली का खून
गोश्त का खून की बादे ज़बह गोश्त में से निकलता है
दिल का खून
पित यानि वो ज़र्द पानी कि पित्ते में होता है
नाक की रतुबत, कि भेड़ में अक्सर होती है
पाखाने का मक़ाम
ओझड़ी
आंते
नुत्फा (मनी), वो नुत्फा कि खून हो गया, वो नुत्फा कि गोश्त का लोथड़ा हो गया, वो नुत्फा की पूरा जानवर बन गया और मुर्दा निकला या बे ज़बह मर गया।
     समझदार कस्साब बाज़ ममनुआ चीज़े निकल दिया करते है मगर बाज़ में इन को भी मालूमात नही होती या बे एहतियाती बरतते है।
*✍🏽अब्लाक़ घोड़े सुवार, 37*
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खादिमे दिने नबी ﷺ, *मुहम्मद मोईन*
📮Posted by:-
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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