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Sunday 14 August 2016

फुतूह अल ग़ैब

*सब्रो-शुक्रकी फज़िलत:*
(हिस्सा 3)

 *بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*
 
        इर्सादे बारी तआला है: अगर तुम शाकिर (शुक्र गुज़ार ) रहोगे तो हम ज़ियादा अता करेंगे और अगर नाशुक्रगुज़ारीका सुबूत दिया तो हम तुम्हें निहायत शदीद अज़ाब में डाल देंगे।
      अगर वो चीज़ तुम्हारी किस्मत में न हुई तो तुम्हारे दिल से उसका खयाल मिटा दिया जाएगा, नफ़स उसे चाहे या न चाहे , पस तुम्हारे लिए लाज़िम है के हर हाल में साबिर रहो , ख्वाहिशाते नफस की मुखालेफत में कमरबस्ता रहो और शरीयत के एहकाम पर पूरी तरह कारबन्द रेहते हुए क़ज़ा व् क़द्र पर राज़ी हो जाओ और खुदाए रहीम व् करीम का फज़ल व् करम चाहो। *अल्लाह तआलाने फरमाया: "बेशक सब्र करनेवलोंको बेहिसाब अज्र दिया जाएगा।"*

*✍🏽फुतूहल ग़ैब*  पेज 27
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खादिमे दिने नबी ﷺ
 *फ़ैयाज़ सैय्यिद*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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