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Saturday 6 August 2016

मदनी पंजसुरह

*ईमान पर खातिमा के अवराद*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     एक शख्स बारगाहे *आला हज़रत* अलैरहमा में हाज़िर हो कर ईमान पर खातिमा बिलखैर के लिये दुआ का तालिब हुवा तो आप ने उस के लिये दुआ फ़रमाई और इरशाद फ़रमाया :
     रोज़ाना 41 बार सुब्ह को *يَا حَيُّ يَا قَيُّوْمُ لَٓا اِلَٓاهَ اِلَٓا اَنْتَ* (ऐ हमेशा ज़िन्दा रहने वाले ! ऐ हमेशा क़ाइम रहने वाले ! कोई मअबूद नही मगर तू) अव्वल आखिर दुरुद शरीफ।
     नीज़ सोते वक़्त अपने सब अवराद के बाद *सूरए काफिरुन* रोज़ाना पढ़ लिया कीजिये इस के बाद कलाम वगैरा न कीजिये हा अगर हो तो कलाम के बाद फिर सूरह तिलावत कर ले कि खातिमा इसी पर हो ان شاء الله खातिमा ईमान पर होगा।

     और 3 बार सुब्ह और 3 बार शाम इस दुआ का विर्द रखे
*اَللّٰهُمَّ اِنَّا نَعُوْذُبِكَ مِنْ اَنْ نُشْرِكَ بِكَ شَيْءًا نَّعْلَمُهُ وَنَسْتَغْفِرُكَ لِمَالَا نَعْلَمُهُ*
(ऐ अल्लाह ! हम तेरी पनाह मांगते है इससे कि जान कर हम तेरे साथ किसी चीज़ को शरीक करे और हम उससे इस्तिग़फ़ार करते है जिस को नही जानते।)

     *بِسْمِ اللّٰهِ عَلٰى دِيْنِىْ بِسْمِ اللّٰهِ عَلٰى نَفْسِىْ وَوُلْدِىْ وَاَهْلِىْ وَمَالِىْ*
(अल्लाह के नाम की बरकत से मेरे दिन, जान, औलाद और अहलो माल की हिफाज़त हो) सुब्ह व शाम 3-3 बार पढ़िये, दिन, ईमान, जान, माल, बच्चे सब महफूज़ रहे।
_नॉट : गुरुबे आफताब से सुब्ह सादिक़ तक रात और अधि रात ढ़ले से सूरज की पहली किरन चमकने रक सुब्ह है_
*✍🏽मदनी पंजसुरह, 153*
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खादिमे दिने नबी ﷺ *मुहम्मद मोईन*
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