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Tuesday 9 August 2016

मदनी पंजसुरह

*दुन्या व आख़िरत में सआदत मंद*
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*

     हज़रते अब्दुल्लाह बिन अम्र अल आसرضي الله تعالي عنه ने फ़रमाया : पाच आदते ऐसी है कि कोई इन्हें इख़्तियार कर ले तो दुन्या व आख़िरत में सआदत मंद हो जाए।

1 वक़्तन फ वक़्तन *لَآ اِلٰهَ اِلَّا اللّٰهُ مُحَمَّدٌ رَّسُوٍلُ اللّٰهِ* कहता रहे।

2 जब किसी मुसीबत में मुब्तला हो (मसलन बीमार या नुक़सान हो जाए या परेशानी की खबर सुने) तो *اِنّا لِلّٰهِ وَاِنَّٓ الَيْهِ رَاجِعُوْنَ* और  *لَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ اِلَّا بِاللّٰهِ الْعَلِىْ الْظِيْمِ* पढ़े।

3 जब भी नेमत मिले तो शुक्राने में *الْحَمْدُ لِلّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِيْنَ* कहे।

4 जब किसी जाइज़ काम का आगाज़ करे तो *بِسْمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحْيْمِ* पढ़े।

5 जब गुनाह कर बेठे तो यु कहे اَسْتَغْفِرُ اللّٰهَ الْظِيْمَ وَاَتُوْبُ اِلَيْهِ*
(में अल्लाह से मग्फिरत तलब करते हुए उसकी तरफ तौबा करता हु।)
*✍🏽मदनी पंजसुरह, 155*
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खादिमे दिने नबी ﷺ, *मुहम्मद मोईन*
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