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Wednesday 3 August 2016

फुतूह अल ग़ैब

*ज़ातकी नफी मुखालिफते नफ्स:*
(हिस्सा 2)

 *بِسْــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

      जिस तरह अल्लाहने हज़रत दाउद अलैहिस्सलामको फरमाया: अय दाउद! मै तुम्हारा चाराहसाज़ हूं। तुम अपने चाराहसाज़से तआल्लुक महकम (मजबूत) कर लो और ये इसी सूरत में होगा जब नफ्ससे अदावत को शआर कर लो। इसी तरह खालिक-व-मालिकसे तुम्हारी दोस्ती और उसकी बंदगी साबित होगी। तुम्हें पाकिज़ा हिस्से मिलेंगे, तुम अज़ीज़-व-मोहतरम बन जाओगे और चीज़ें तुम्हारी ताबेअ और खिदमतगुज़ार हो जाएगी। इसलिये के हर चीज़ उसके ताबेअ है। उसने हर चीज़ को पैदा कीय, वही हर चीज़ को दुबारा पैदा करेगा। हर चीज़ उसके माअबूद होने का इकरार करती है।

*✍🏽फुतूहल ग़ैब*  पेज 22
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खादिमे दिने नबी ﷺ
 *फ़ैयाज़ सैय्यिद*
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