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Monday 13 November 2017

*गुनाहे कबीरा नंबर 48*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*_बगावत व सर्कशी करना_*
(बगावत व सर्कशी का माना ज़ुल्म करना है या सुल्ताने इस्लाम पर खुरुज या तकब्बुर करना है)
     अल्लाह इर्शाद फ़रमाता है :
_मुवखज़ा तो उन्ही पर है जो लोगो पर ज़ुल्म करते है और ज़मीन में नाहक़ सर्कशी फैलाते है उन के लिये दर्दनाक अज़ाब है।_
*✍🏼الشورى*

     फरमाने मुस्तफा صلى الله عليه وسلم : बेशक अल्लाह ने मेरी तरफ वही फ़रमाई कि तुम लोग एक दूसरे के लिये तवाज़ोअ करो हत्ता कि कोई दूसरे पर ज़ुल्म व सर्कशी न करो और कोई दूसरे पर फख्र न जताए।
*✍🏼مسلم*
     सर्कशी और क़तए रेहमी से ज़्यादा कोई गुनाह इस लाइक नही कि अल्लाह आख़िरत में इस के लिये सज़ा को ज़मा रखने के साथ साथ दुन्या में भी इस के मूर्तक़िब को जल्द सज़ा दे।

    एक औरत को बिल्ली की वजह से अज़ाब में मुब्तला किया गया जिसे उस ने बांध कर रखा था हत्ता कि वो मर गई तो वो औरत उस बिल्ली के सबब आग में दाखिल हुई क्यूंकि उस ने बिल्ली को खाने को दिया न पिने को और न ही खुला छोड़ा कि वो ज़मीन के कीड़े मकोड़े खा लेती।
*✍🏼مسلم*
     बेशक अल्लाह उन लोगों को अज़ाब देगा जो दुन्या में लोगों को अज़ाब देते है।

     रसूले करीम صلى الله عليه وسلم का गुज़र एक ग़धे के क़रीब से हुवा जिस के चेहरे को दागा गया था। ये देख कर आप ने इर्शाद फ़रमाया : जिस ने इस के चेहरे को दागा है, अल्लाह उस पर लानात फरमाए।
*✍🏼مسلم*
*✍🏼76 कबीरा गुनाह* 160

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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