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अच्छे बुरे अ'मल

🌹अच्छे बुरे आमाल❌

❤जज़ा व सजा से मुतअल्लिक़ नबवी फरमान
🌴हुज़ूर ने इर्शाद फ़रमाया :
👉🏿बेशक जिब्रील अलैहिस्सलाम ने मेरे दिल में ये बात डाली की जब तक ज़िंदा रहना चाहते है रहे बिल आखिर आप ने रुख्सत होना है
👉🏿और जिस से महब्बत करना चाहते है करे क्यू की उससे जुदा होने वाले है
👉🏿और जो चाहे अमल करे आप को उस का बदला दिया जाएगा।

अच्छे बुरे आमाल, स. 28
🌹नेकी पुरानी नहीं होती🌹

🌴रहमतुल्लिल आ-लमिन ﷺ ने इर्शाद फरमाया :
👉🏿नेकी पुरानी नहीं होती,
👉🏿गुनाह भुलाए नहीं जाते
और
👉🏿जज़ा देने वाले को कभी मौत नहीं आएगी
जैसा करोगे वैसा भरोगे।

📚अच्छे बुरे आमाल, स. 29
❤जो भलाई पाए वोह मेरी हम्द बजा लाए❤

🌴हदिषे कुदसि में है,
☝🏽अल्लाह عزوجل इर्शाद फरमाता है
👉🏿ऐ मेरे बन्दे ! ये तुम्हारे आ'माल है जिन्हें में शुमार कर रहा हु फिर तुम्हे उनके मुताबिक़ पूरा पूरा बदला दूंगा तो जो भलाई पाए वो मेरी हम्द बजा लाए
🔴और
👉🏿जो भलाई के सिवा (गुनाह) पाए वो अपने आप को मलामत करे।
📗शाहीह मुस्लिम

📚अच्छे बुरे आमाल, स. 29
🌹फरमाने मुश्किल कुशा🌹

👳🏼अमीरुल मुअमिनीन हज़रते सय्यिदुना अलिय्युल मुर्तज़ा इर्शाद फरमाते है :
👉🏿दुन्या अमल का घर है जिस में बदला नहीं
और
👉🏿आख़िरत बदले की जगह है जिस में अमल नहीं।
👉🏿लिहाज़ा अमल के घर दुन्या में, जज़ा के घर आख़िरत के लीये नेक आ'माल कर लो।

अच्छे बुरे अमल, स. 31

✅रिज़ा व नाराज़ी❎

👉🏿बेशक अल्लाह عزوجل ने अपनी मशिय्यत से अपनी रिज़ा व ख़ुशनूदी को अपनी इताअतो फरमा बरदारी में और नाराज़ी को गुनाहो में पोशीदा रखा है। अपनी रहमत से फरमा बर्दारो को जन्नत में दाखिल करने का वा'दा फ़रमाया है और अपने अदलो हिक्मत से गुनाहगारो को जहन्नम में दाखिल करने की वईद सुनाई है।

☝🏽चुनान्चे अल्लाह عزوجل इर्शाद फरमाता है : 👇🏿👇🏿👇🏿
👉ये अल्लाह की हदे है और हुक्म मने अल्लाह और अल्लाह के रसूल का, अल्लाह उस बागो में ले जाएगा जिन के निचे नहरे रवा है, हमेशा उन्मे रहेंगे और ये है बड़ी काम्याबी,
👉और जो अल्लाह और उसके रसूल की ना फ़रमानी करे और उसकी कुल हदो से बढ़ जाए अल्लाह उसे आग में दाखिल करेगा जिस में हमेशा रहेगा और उसके लिए ख्वारी का अज़ाब है।
📗परा 4

📚अच्छे बुरे आ'माल, स. 32

🌹जन्नत और मग्फिरत की तरफ जल्दी करो🌹

☝🏽अल्लाह عزوجل ने ईमान वालो को मग्फिरत और जन्नत की तरफ जल्दी करने,
🔹अपने आप को और अपने घर वालो को जहन्नम की आग से बचाने,
🔹अह्कामात को बजा लाने और ना फरमानियो से खुद को बचाने का हुक्म इर्शाद फरमाया है।

☝🏽अल्लाह عزوجل फरमाता है 👇🏿👇🏿
✅और दौड़ो अपने रब की बख्शीश और ऐसी जन्नत की तरफ जिस की चोडान में सब आस्मानो जमींन आ जाए परहेज़गारों के लिये तैय्यार राखी है।
📗परा~4

☝🏽अल्लाह عزوجل परा 28 में फरमाता है 👇🏿👇🏿
✅ऐ ईमान वालो अपनी जानो और अपने घर वालो को आग से बचाओ जिस के ईंधन आदमी और पथ्थर है उस पर सख्त ताक़तवर फ़रिश्ते मुकर्रर है जो अल्लाह का हुक्म नहीं टालते और जो उन्हें हुक्म हो वोही करते है।
📗परा~28

📚अच्छे बुरे आ'माल, स. 33
🌷अहादिषे मुबारका व अक़वाल सालिहिन वलियुल्लाह की शान🌷

🌴हुज़ूर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया :
☝🏽अल्लाह عزوجل इर्शाद फरमाता है :
🔹जिसने मेरे किसी वली से दुश्मनी की में उससे ए'लाने जंग करता हु और बन्दा मेरा कुर्ब सब से ज्यादा फराइज़ के ज़रिए हासिल करता है और नवाफ़िल के ज़रिए मुसल्सल कुर्ब हासिल करता रहता है। यहाँ तक की में उससे महब्बत करने लगता हु। जब में बन्दे को महबूब बना लेता हु तो में उसके कान बन जाता हु जिससे वो सुनता है। उसकी आँख बन जाता हु जिससे वो देखता है। उसके हाथ बन जाता हु जिससे वो पकड़ता है। उसके पाऊ बन जाता हु जिन से वो चलता है। अगर वो मुझसे सुवाल करे तो में उसे अ'ता करता हु और अगर पनाह मांगे तो में उसे पनाह देता हु।
📗शाहीह बुखारी
👇🏿👇🏿👇🏿
🔹हदिष की वज़ाहत
जो रिज़ाए इलाही عزوجل के लिये फराइज़ की अदाएगी के साथ साथ ब कशरत नफ्लि इबादात बजा लाता है अल्लाह عزوجل उसे अपनी अ'ज़िम महब्बत से सरफ़राज़ फरमाता है जिस की ब दौलत बन्दे की तमाम हरकतों सकनात में क़ुव्वते खुदावन्दि के अन्वार शामिल हो जाते है।

📚अच्छे बुरे आ'माल, स. 35

🌷रहमते इलाही के जल्वे🌷

🌴हुज़ूर ﷺ फरमाते है की अल्लाह عزوجل इर्शाद फरमाता है : 👇🏿👇🏿
👉जब मेरा बन्दा मुझसे एक बालिश्त करीब होता है तो में उससे एक हाथ करीब हो जाता हु
👉और अगर मुझसे एक हाथ करीब होता है तो में दोनों हाथ फैलाने की मिक़दार उस से करीब हो जाता हु
👉और अगर वो मेरी तरफ चल कर आता है तो में उसकी तरफ दौड़ कर जाता हु।

📝हदिष की वज़ाहत 👇🏿
👉बन्दे का रब عزوجل के करीब होना उस का इबादतों इताअत में लगा रहना है
👉और रब का बन्दे के करीब होंने से मुराद उसका रहमो फ़ज़्ल फरमाना है।

📚अच्छे बुरे अ'मल, स. 36

🌷जन्नती ने'मते🌷

🌴हादीषे कुदसि है,
☝🏽अल्लाह عزوجل इर्शाद फरमाता है :
🔹मेने अपने नेक बन्दों के लिये ऐसी ने'मते तय्यार कर रखी है 🔸जिन्हें न किसी आंख ने देखा,
🔸न किसी कान ने सुना
🔸और न ही किसी इंसान के दिल में इन का ख़याल गुज़रा।
📗शाहीह बुखारी

☝🏽अल्लाह عزوجل इर्शाद फरमाता है :
👉🏿ऐ इब्ने आदम ! तू मेरी इताअतो फरमा बरदारी कर ! में तेरे दिल को तवंगरि और तेरे हाथो को रिज़्क़ से भर दूंगा और तेरे जिस्म को सिह्ह्तो तंदुरस्ती अ'ता फरमा दूंगा।

📚अच्छे बुरे अ'मल, स. 37

🌷दुन्या को हुक्मे रब्बानी🌷

☝🏽अल्लाह عزوجل ने दुन्या को ये हुक्म इर्शाद फ़रमाया है की
👉🏿ऐ दुन्या ! जो मेरी इबादत करे तू उसकी खिदमत कर
👉🏿और जो तेरी खिदमत करे तू उससे खिदमत लेती रह।
📗रुहुल बयान

👳🏼हज़रत बशीर बिन हारिष हाफ़ि फरमाते है :
👉🏿अहले खैर दुन्या व आख़िरत की तमाम भलाई ले गए।

📚अच्छे बुरे अ'मल, स. 37
💰रिज़्क़ में तंगी💰

🌴सरकारे ﷺ मदीना का फरमान है :
गुनाहो की वजह से बन्दा मिलने वाले रिज़्क़ से महरूम कर दिया जाता है।
❤दिल की सख्ती❤
गुनाहो की कसरत से दिल सख्या हो जाता है।

📚अच्छे बुरे अ'मल, स. 42

☝🏽अल्लाह عزوجل हमारे दिलो में गुनाहो से नफरत पैदा करने की तौफ़ीक़ अता करे।
आमीन.....

🚫सबसे पहला ना फरमान🚫

☝🏽अल्लाह عزوجل ने हज़रत मूसा कलीमुल्लाह की तरफ वही फ़रमाई :
👉🏿ऐ मूसा ! मेरी मखलूक में सबसे पहले मरने (यानि तबाहो बर्बाद होने) वाला इब्लीस है क्यूकी सबसे पहले उसी ने मेरी ना फ़रमानी की और जो मेरी ना फ़रमानी करता है में उसे मुर्दा लिख देता हु।

📚अच्छे बुरे अ'मल, स. 42

अल्लाह हमें उसका फरमाबरदार बनाये....
आमीन

💔दिल मुर्दा हो जाता है💔

👳🏼हज़रत मुहम्मद बिन वासेअ फरमाते है :👇🏿
🚫गुनाह पे गुनाह किये जाने से दिल मुर्दा हो जाता है।
👳🏼एक बुज़ुर्ग फरमाते है :👇🏿
🚫अगर तू ये जानते हुए अल्लाह की ना फ़रमानी करता है की वो तुझे देख रहा है तो तू अल्लाह की नज़र (यानि उसके देखने) को हल्का समझने वाला है
🚫और अगर ये गुमान करके गुनाह करता है की वो तुझे नहीं देख रहा तो तू काफ़िर है।

📚अच्छे बुरे अ'मल, स. 42

🌷कामिल मोमिन की एक निशानी🌷

🌴अल्लाह عزوجل के प्यारे हबीब ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया :
👉🏿जो नेकी पर खुश और बुराई पर ग़मगीन होता है, वो कामिल मोमिन है।
🌱दर्से हदिष🌱
🔸प्यारे इस्लामी भाइयो ❗जब अल्लाह عزوجل अपनी इबादत की तौफ़ीक़ अता फरमाए तो तू बहुत खुश हो। और उस रब्ब عزوجل का शुक्र बजा ला जिसने अपनी इबादत की वजह से तुझे इज़्ज़त बख्शी और इस के लिये तुझे चुन लिया। अल्लाह عزوجل से दुआ किया कर की जिन नेक आ'माल को बजा लानेकी उसने तुझे तौफ़ीक़ दी और उन्हें अपने फ़ज़्ल से क़बूल भी फार्माले।

📚अछे बुरे अ'मल, स. 44

🌷इबादत की रुकावटे और इनका हल🌷

👉🏿चुकी दुन्या की बुन्याद मुसीबतो और आफ़तों पर रखी गई है, मैली कुचैली चीज़ों से इसे गूंधा गया है, मसृफिय्यत और ग़फ़लतो से इसे भर दिया गया है जिस की वजह से इताअ'तो इबादत की रुकावटे ज़्यादा हो गई और मशिय्यत पर आमादह करने वाले अवामिल की तादाद में भी काफी हद तक इज़ाफ़ा हो गया। ताहम बुन्यादी तौर पर इन्हें चार चीज़ों में तक़्सीम किया जा सकता है।
1⃣जहालत
2⃣ईमान की कमज़ोरी
3⃣लम्बी उम्मीदे
4⃣हराम और मुश्तबा चीज़ों का खा लेना।
👉🏿इंशा अल्लाह इन चारो में से हर एक पर मुख़्तसर मगर जमेअ गुफ्तगू करते हुए इन की मज़म्मत बयान करेंगे फिर इन से बाज़ रहने और खलासी पाने का तरीका बताएंगे।
🔴अगली पोस्ट में इंशा अल्लाह...

📚अछे बुरे अ'मल, स. 46
🔁To b continue.....

🌷इबादत की रुकावटे और इनका हल🌷

    🔻जहालत🔻
🔻दुन्या मलऊन है🔻
🔹जहालत हर बुराई की जड़ और हर नुकसान का सबब है। जहालत और जाहिलो के बारे में हुज़ूर ﷺ का इर्शाद है :
👉🏿दुन्या ला'नती है और जो इसमें है वो ला'नती है सिवाए अल्लाह के ज़िक्र, आ'लिम और तालिबे इल्म के।
🔻जहालत की तख़्लीक़ का वेकेआ🔻
👉🏿मरवी है की अल्लाह عزوجل ने जहालत को पैदा किया तो उससे फ़रमाया :
आगे आ। तो वो पीछे चली गई। फिर फ़रमाया पीछे जा। तो वो आगे आ गई। अल्लाह عزوجل ने इर्शाद फ़रमाया :
☝🏽मुझे अपनी इज्ज़तों जलाल की कसम ! तू मुझे मख्लूक़ में सबसे ज्यादा ना पसंद है, में ज़रूर तुजे अपनी मख्लूक़ के बदतरीन लोगो में रखूँगा।
🔻जहालत भी दुश्मन है🔻
👉🏿अलिय्युल मुर्तज़ा फरमाते है :
जहालत से बड़ा आदमी का कोई दुश्मन नहीं। आदमी जिस चीज़ से जाहिल होता है उसका दुश्मन बन जाता है।
🌱इस रुकावट का हल🌱
👉🏿जाहिल इल्म की रौशनी से जहालत की तारीकियों से नजात हासिल कर सकता है।
👳🏼शैख़ अली बिन अबू बक्र् फरमाते है :
🔹जहालत ऐसी आग है जो आदमी के दिन को जला डालती है और इल्म ऐसा पानी है जो इस आग को बुझा देता है।

📚अछे बुरे अ'मल, स. 47, 48
🔁To be continue....

بسم اللہ الرحمن الرحیم.
🌷इबादत की रुकावटे और इनका हल🌷

🔻ईमान की कमज़ोरी🔻
🔸ईमान की कमज़ोरी एक बड़ी आफत और मज़मुम खस्लत है जिस से बहुत सी बुराइया जनम लेती है। मषलन इल्म पर अमल न करना, तर्क कर देना, मग्फिरत कें लिये कोई कोशिश किये बगैर उसकी उम्मीद लगाए रखना, मालो दौलत के हुसूल के लिये कोशा रहना, मख़लूक़ का खौफ और दीगर बहुत सी बद खस्लते ईमान की कमज़ोरी से पैदा होती है। बन्दा अपने ईमान के मुताबिक़ ही अहकाम की बजा आवरी और गुनाहोसे परहेज़ करता है।
🔸 ईमान कमज़ोर होने की सबसे बड़ी दलील ये है की बन्दा नेकियों को तर्क करके गुनाहो में मसरूफ़ हो जाता है। पर हर मुसलमान को चाहिये की अपने ईमान की तक़विय्यत के लिये कोशा (तैयार) रहे।

🔻ईमान को तक़विय्यत बख्शने वाले उमूर(हुक्म)🔻
🔸तिन उमूर से ईमान को तक़विय्यत मिलती है
1⃣वादा व वईद और अहवाले आख़िरत पर मुश्तमिल आयात और अहादिष में गौरों फ़िक्र करने, अम्बियाए किराम के हालातो मोजिज़ात और दुश्मनो पर इन के फ़त्ह के वाकियात और दुन्या से बे रागबति और आख़िरत में रगबत रखने के हवाले से बुज़ुर्गाने दिन के वाकीआत को सुनने, पढ़ने से..
2⃣आस्मानो और जमींन की सल्तनत और इन में मौजूद अजीबो गरीब निशानियों और नई नई मस्नूआत का निगाहें बसिरतो जुस्तजू से मुशाहदा करने से..
3⃣नेक आमाल पर मजबूती से कारबंद रहने, बुराइयो और ना फरमानियो से इजतिनाब करने से। क्यूकी ईमान क़ौल और अमल के मजमुए का नाम है, इताअत से बढ़ता, मासिय्यत से घटता है।
👆🏿👆🏿👆🏿
ये तमाम उमूर (हुक्म) ईमान को तक़विय्यत और यकीन को पुख्तगी बख्शते है।

📚अच्छे बुरे अ'मल, स. 49, 50

🌷इबादत की रुकावे और इनका हल🌷

🔻लम्बी उम्मीदों की मज़म्मत🔻
              Part~1
🔹लम्बी उम्मीदे बांधना बहुत बुरी खसलत है बल्कि ये तो वो चीज़ है जो बन्दे को आख़िरत बर्बाद और दुन्या को आबाद करने पर आमादा करती है।
🔻हलाकत की वजह🔻
🌴हुज़ूर ने इर्शाद फ़रमाया :
🔹इस उम्मत के पहले लोग दुन्या से बे-रागबति और छोटी उम्मीदों की वजह से नजात पाएंगे
🔸और बाद में आने वाले दुन्या की हिर्स (लालच) और लम्बी उम्मीदों के सबब हलाक हो जाएंगे।
🔻शकावत व बदबख्ति🔻
🌴हुज़ूर ने इर्शाद फ़रमाया :
👉🏿चार चीज़े बदबख्ती से है
1⃣आँखों की खुश्की (यानि खौफे खुदा से न रोना)
2⃣दिल की सख्ती
3⃣लालच
4⃣लम्बी उम्मीदे
🔻लम्बी उम्मीदों से पनाह🔻
☝🏽अल्लाह के महबूब इस तरह दुआ माँगा करते थे :
☝🏽ऐ अल्लाह ❗ में हर ग़ाफ़िल कर देने वाली उम्मीद से तेरी पनाह मांगता हु।
🔻फ़िक्रे आख़िरत न होने का एक सबब🔻
👉🏿अमीरुल मोअमिनिन् हज़रत अलिय्युल मुर्तज़ा इर्शाद फरमाते है :
🔹मुझे तुम पर सब से ज्यादा डर नफ़्स की पैरवी और लम्बी उम्मीदों का है। क्यूकी इत्तिबाए नफ़्स हक़ से रोकती और लम्बी उम्मीदे आख़िरत से ग़ाफ़िल करदेती है।

📚अच्छे बुरे अ'मल, स. 51, 52
🔁To be continue....

🌷इबादत की रुकावटे और इनका हल🌷

🔻बुरे आ'माल का सबब🔻
🔹हदिशे पाक में है : जिसकी उम्मीदे लंबी होती है उसके अ'मल बुरे होते है।

🔻दुन्या की महब्बत🔻
🔹लम्बी उम्मीदों की बड़ी खराबियों में से एक खराबी ये भी है की इस की वजह से बन्दा दुन्या से महब्बत करता है, उसे बनाने और उस का साज़ो सामान जमा करने की कोशिश में अपना कीमती वक़्त बर्बाद करने लगता है। हालांकि अल्लाह के प्यारे हबीब ने इर्शाद फ़रमाया है की मुझे दुन्या को वीरान करने के लिये भेजा गया है इस लिये जो इस को आबाद करेगा वो मुझे से नहीं (यानी मेरे तरीके पर नहीं)

अछे बुरे अ'मल, स. 53
🌹हलाल की बरकत और हराम की नुहुसत🚫

☝🏽अल्लाह عزوجل के महबूब ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया :
🔹जो हलाल रिज़्क़ खाता है, तो न चाहते हुए भी उसके आज़ा इताअ'त करते है
🔸और जो हराम खाता है, तो न चाहते हुए भी उसके आज़ा गुनाह करते है।
🔹एक रिवायत में है की "जो चाहे खा" उसी जैसे अ'मल करेगा। (यानी हलाल ताअ'त पर उभारता है और हराम बुराई की दा'वत देता है)
🔹एक आरिफ फरमाते है : लोगो का बगैर तहक़ीक़ो तफ्तीश के एक लुक्मा खाना उन्हें हक़ से महरूम और दायरए विलायत से खारिज कर देता है।
🔹मुश्तबा और हराम खाने वाला अगर इबादत करे भी तो क़बूल नहीं होती, क्यूकी अल्लाह عزوجل क़ुरआन में इर्शाद फरमाता है :👇🏿
☝🏽अल्लाह عزوجل उसीसे क़बूल करता है जिसे डर है।
👉🏿हदिषे मुबारक में है की अल्लाह عزوجل पाक है और पाक ही को क़बूल फरमाता है।
🙏🏽ऐ भाई ❗हराम खाने से बच क्यूकी हराम से बचना फ़र्ज़ है और शुबा वाला खाना खाने से भी हाथ खीच ले की ये तक़वा है।
🔸रिज़के हलाल तलब करना फ़र्ज़ है, फराइज़ के बाद ये बहुत अहम फ़रीज़ा है और रिज़के हलाल हासिल करके इस में से मियानारवि से खा और पहन और इसराफ न कर, क्यूकी हलाल इसराफ को नहीं उठाता।
🔸पेट भर कर खाना न खा क्यूकी हलाल से पेट भरना बुराई की इब्तिदा है तो हराम का क्या आ'लम होगा।

📚अच्छे बुरे अ'मल, स. 56 ,57

अल्लाह عزوجل हमें हलाल रिज़्क़ अता करे।
आमीन....

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❌रियाकारी❌

🚫शिर्के असगर🚫
🔻प्यारे इस्लामी भाई ! रियाकारी से बचो क्यूकी आ'माल को बर्बाद और षवाब को जाएअ कर देती है, अल्लाह की नाराज़ी और गज़ब का बाइष बनती है।
🌴हुज़ूर ने इस का नाम शिर्के असगर रखा है।
⛔"रियाकार" कारी, शहीद और सखी का अन्जाम⛔
🌴हुज़ूर ने इर्शाद फरमाया :
☝🏽अल्लाह की मख़लूक़ में सब से पहले तिन बन्दों को जहन्नम में डाला जाएगा
1⃣वो कारी जिसने इस लिये कुरआन पढ़ा की लोग उसे कारी कहे।
2⃣वो शहीद जिस ने इस लिये किताल किया की लोग उसे बहादुर कहे।
3⃣वो सखी जिसने इस लिये माल सदका किया की लोग उसे सखी कहे।
🔴रिया की तारीफ़🔴
🔻जिन आ'माल के जरिए अल्लाह का कुर्ब हासिल होता है मषलन नमाज़, रोज़ा वगैरा उन के ज़रिए मख़लूक़ के दिल में अपनी क़द्रों मन्ज़िल चाहने का नाम रिया है।
🌹रिया का इलाज🌹
👉🏿जब तू अपने दिल में रिया महसूस करे तो अ'मल तर्क करके इखलास तलब न कर क्यू की इस तरह तो तू शैतान को खुश करेगा।  🔸बल्कि तुझ पर गौरों फ़िक्र करना ज़रूरी है की जो आ'माल लोगो से छूप कर नहीं किये जा सकते जेसे हज, जिहाद, तलबे इल्म, नमाज़े बा जमाअत वगैरा तू उन्हें लोगो के सामने ही बजा ला जैसा अल्लाह ने हुक्म इर्शाद फ़रमाया है।
🔸और इखलास के लिये अपने नफ़्स से जिहाद कर और अल्लाह से मदद तलब कर।
🔸और वो आ'माल जो इस दरजे के न हो (यानि जिन्हें छुपा कर करना मुमकिन हो) जेसे रोज़ा, रात की इबादत, सदका और तिलावत वगैरा तो ऐसे आ'माल को छुपाने में बहुत ज्यादा कोशिश कर। क्यूकी इन आ'माल को छुपा कर करना बहर हाल अफ़्ज़ल है सिवाए उस शख्स की जिसे रिया का खौफ न हो और वो उम्मीद हो की उसे देख कर लोग उसकी इक्तिदा करेंगे और वो इस का अहल भी हो।

📚अच्छे बुरे अ'मल, स. 59-61

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🔴खुद पसन्दी🔴

🌹प्यारे इस्लामी भाइयो ! खुद पसन्दी से बचो की ये आ'माल बर्बाद कर देती है।
🚫खुद पसन्दी की आफत🚫
🌴हुज़ूर ने इर्शाद फ़रमाया :
खुद पसन्दी नेकियों को इस तरह खा जाती है जिस तरह आग लकड़ी को खा जाती है।
🔥हलाक करने वाली चीज़े🔥
👉🏿एक रिवायत में है की हुस्ने अख़लाक़ के पैकर ने इर्शाद फ़रमाया : तिन चीज़े हलाक कर देती है।
🔸ऐसा बुखल जिस की पैरवी की जाए।
🔸ऐसी नफसानि ख्वाहिश जिस पर अ'मल किया जाए।
🔸बन्दे का खुद पसन्दी में मुब्तला होना।
❌खुद पसन्दी का तरीका❌
🔸बन्दे का खुद को बड़ा समझना और अपने आ'माल को अच्छा ख़याल करना खुद पसन्दी कहलाता है, इसकी वजह से अ'मल पर नाज़, लोगो पर बड़ाई और नफ़्स से राज़ी रहने की वबाए जन्म लेती है।
🔸और ये ऐसी ही है जैसा की हज़रते इब्ने अताउल्लाह ने फ़रमाया :"ग़फ़लत, शहवत और नफ़्स की कारस्तानियों पर राज़ी रहना तमाम बुराइयो की जड़ है।
🔸जो अपने नफ़्स पर राज़ी होता है वो अपने उयुब देखने से अन्धा हो जाता है और अपने उयुब से ग़ाफ़िल शख्स कैसे फ़लाह पा सकता है ?

अच्छे बुरे अ'मल, स. 61,62

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🔴दुन्या की महब्बत🔴

🚫बुराइयो की जड़🚫
🌴हुज़ूर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया : दुन्या की महब्बत हर बुराई की जड़ है।

🔹ये हक़ीक़त है की दुन्या की महब्बत हर खता की जड़, हर आफत की अस्ल, हर मुसीबत की बुन्याद, हर फ़ितने का सर चश्मा और हर मशक्क़त का मर्कज़ है। और ये ऐसी मुसीबत है जिस का नुकसान इस ज़माने में फ़ैल चूका, जिस का शर छा चूका और जिसका खतरा बहुत बढ़ चूका है, महब्बते दुन्या के अँधेरे ने हर खासो आम को ढांप लिया है।
🔹इसी महब्बत की वजह से दिन के निशान मिट गए, यक़ीन के अन्वार मांद पड़ गए, नसीहत करने वालो की ज़बाने बन्द हो गई। इसी की वजह से हिदायत के रास्ते बन्द और गुमराही के रास्ते खुल गए।
☝🏽रब्ब عزوجل की कसम❗ दुन्या की महब्बत अन्धा और बहरा फितना और ऐसा सियाह अँधेरा है की जिस में न तो कोई दुआ क़ुबूल होती है और न ही किसी मुकारने वाले की पुकार सुनी जाती है।
🐄इस उम्मत का बछड़ा🐄
🌴हुज़ूर ﷺ का इरशादे बुन्याद है : हर उम्मत के लिये कोई न कोई चीज़ फितना हुई है और मेरी उम्मत का फितना मालो दौलत है और हर उम्मत के लिये एक बछड़ा हुवा है और मेरी उम्मत का नछड़ा दिरहमो दिनार है।
📝हदिष की तशरीह
हर उम्मत में ऐसी चीज़ ज़रूर है जिस की वजह से लोग अल्लाह की इबादत से यक्सर ग़ाफ़िल हो गए, जैसा की बनी इसराइल मा'बूदे हक़ीक़ी की इबादत छोड़ कर बछड़े की पूजा पाट करने लग गए थे।

📚अच्छे बुरे अ'मल, स. 62-64

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🚫दुन्या के तिन हिस्से🚫

1⃣जिसमे षवाब है।
2⃣जिस का हिसाब है।
3⃣जिस में अज़ाब है।
📝वज़ाहत
🔹षवाब वाला हिस्सा वो है जिसके वसीले से बन्दा भलाई तक पहुचता और बुराई से नजात पता है।ये मोमिन की सुवारि, आख़िरत की खेती और किफायत करने वाली हलाल रोज़ी है।
🔹हिसाब वाला हिस्सा वो है जिस की वजह से तू किसी हुक्म की अदाएगी से ग़ाफ़िल न हो और इस की तलब में किसी ना जाइज़ काम का इर्तिकाब न करे और इस के अहल वो अग्निया है जिन का हिसाब तवील होगा, फुकरा इनसे 500 साल पहले जन्नत में दाखिल हो जाएगे।
🔹और अज़ाब वाला हिस्सा वो है जिस में बन्दा तमाम ज़रूरी उमूर की अदाएगी से दूर हो कर गुनाह में मुब्तला हो जाता है। जो इस हिस्से का मालिक बनेगा ये उस को आग की तरफ बढ़ाएगा और खासारे के घर में धकेल देगा।

🔥दुन्यादार, दुन्या के साथ जहन्नम में🔥
☝🏽अल्लाह عزوجل के प्यारे हबीब ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया : बरोज़े कियामत अल्लाह عزوجل दुन्या को जहन्नम में जाने का हुक्म देगा तो वो अर्ज़ करेगी : ऐ अल्लाह عزوجل मेरा गुरौह और मेरे चाहने वाले ?
☝🏽अल्लाह عزوجل इर्शाद फरमाएगा : इनके गुरौह और चाहने वालो को भी इसके साथ जहन्नम में दाल दो। पस उन्हें भी जहन्नम में डाल दिया जाएगा।

📚अच्छे बुरे अ'मल, स. 64, 65

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🔴दुन्या लानति है🔴

🌴हुज़ूर ﷺ का इर्शाद है :दुन्या लानति है और जो इसमें है वो लानति है सुवाए अल्लाह عزوجل के ज़िक्र, आ'लिम और तालिबे इल्म के।
🔸अगर अल्लाह عزوجل के नज़दीक दुन्या की हैशिययत मच्छर के पर बराबर भी होती तो इसमें से किसी काफ़िर को पानी का एक घूंट न पिलाता।

🔴दुन्या मुर्दार है🔴
🌴हुज़ूर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया : दुन्या सड़ा हुवा मुर्दार है।
वजाहत
👉🏿मुफ़्ती अहमद यार खा फरमाते है : यानि जो शख्स अम्बिया की इताअत से सर फेरे और आख़िरत के मुक़ाबिल दुन्यावि ज़िन्दगी को इख़्तियार करे वो दाइमी जहन्नमी है क्यूकी वो काफ़िर है। ख़याल रहे की दुन्यावि ज़िन्दगी वो है जो नफसानि ख्वाहिशात में खर्च हो। और जो ज़िन्दगी आख़िरत की तैयारी में सर्फ़ हो वो दुन्या की ज़िन्दगी नहीं अगर्चे दुन्या में ज़िन्दगी है।
🔹 दुन्या की ज़िन्दगी और है, दुन्या में ज़िन्दगी कुछ और।दुन्या की ज़िन्दगी फानी है, मगर दुन्या में ज़िन्दगी आख़िरत के लिये है, फना नहीं।

📚अच्छे बुरे अ'मल, स. 72

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🔴दुन्या गलाज़त की तरह है🔴
🌴शहेंशाह नबुव्वत ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया : बेशक अल्लाह عزوجل ने इब्ने आदम की गलाज़त को दुन्या की मिषाल बनाया। 1⃣

🔴दुन्या व आख़िरत की मिषाल🔴
🌴हुज़ूर नबिय्ये पाक ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया : दुन्या आख़िरत के मुक़ाबिल ऐसी है जेसे तुम में से कोई अपनी उंगली समुन्दर में डाले फिर देखे की वो कितना पानी ले कर लौटती है।

🔵कियामत की हसरत🔵
🌴हुस्ने अख़लाक़ के पैकर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया : कियामत के दिन हर एक को ये हसरत होगी की काश ❗ उसे दुन्या में थोड़ी रोज़ी भी न दी होती। 2⃣

📚अच्छे बुरे अ'मल, स. 73

1⃣गलाज़त यानि गंदगी....जो इंसान के जिस्म से निकलती है।
2⃣कियामत में हिसाब किताब का मुआमला देख कर लोग मेरे ख़ौफ़ से कहेंगे "की काश दिन्या में मुझे थोड़ी सी भी रोज़ी न दी होती।
🔹एक एक पाई का हिसाब होगा....पैसा कहा से आया और तुमने कहा खर्च किया।
⭕मीठे मीठे मुस्लमान भाइयो ❗हमें चाहिए की हलाल रोज़ी हासिल करे और उसे अल्लाह عزوجل की राह में और हलाल काम में ही खर्च करे।

☝🏽अल्लाह عزوجل हमें उसके हबीब ﷺ के नक्शे कदम पर चलने और चलने वाला बनाये।
आमीन........

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🔴क्या कल के खाने के लिये कुछ है ❓

🌴नूर के पैकर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया :
👉🏿बेशक तुम्हारे सामने एक दुष्वार गुज़ार घाटी है, जिसे सिर्फ हल्के बोझ वाले ही उबूर कर सकेंगे।
🍁एक शख्स ने अर्ज़ की : या रसूलल्लाह ﷺ❗ क्या में हल्कों में से हु ?

🌴आप ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया :
👉🏿क्या तुम्हारे पास आज के दिन की रोज़ी है❓
🍁उसने अर्ज़ की : जी हा।

🌴फिर आप ﷺ ने फ़रमाया :
👉🏿क्या कल के खाने के लिये भी कुछ है ❓
🍁उसने अर्ज़ की : नहीं।

🌴प्यारे मुस्तफा ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया :
👉🏿अगर तुम्हारे पास कल के खाने के लिये भी कुछ होता तो तुम हल्के बोझ वालो में से न होते।

📚अच्छे बुरे अ'मल, स. 73, 74

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🔴दुन्या और औरतो से बचो🔴

☝🏽अल्लाह عزوجل के महबूब ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया :
🌍दुन्या शीरीं, सर सब्ज़ो शादाब है। अल्लाह عزوجل तुम्हे इस में खलीफा बनाएगा फिर देखेगा तुम कैसे अ'मल करते हो। लिहाज़ा दुन्या से बचो और औरतो से दारो ❗
☝🏽अल्लाह عزوجل की कसम❗ मुझे तुम पर तंगदस्ती से खौफ नहीं बल्कि में तुम पर इस बात से डरता हु की तुम पर दुन्या फेलादि जाएगी जेसे तुम से पहलो पर फेलादि गई थी। फिर तुम इस में रगबत कर जाओ जेसे वो लोग रगबत रखते थे और ये तुम्हे वेसे ही हलाक कर दे जेसे उन्हें हलाक किया।

📚अच्छे बुरे अ'मल, स. 74

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🔴काफ़िर की जन्नत🔴
🌴हुज़ूर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया : दुन्या मोमिन के लिये कैदखाना और काफ़िर के लीये जन्नत है।

⭕दुन्या की जेबो ज़ीनत का खौफ⭕
🌴हुज़ूर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया : में अपने बाद तुम पर इस बात से खौफ करता हु की दुन्या की जैबो ज़ीनत और तरो ताज़गी तुम पर खोल दी जाएगी।

🌐दुन्या जादूगर है🌐
🌴हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया : दुन्या से डरो ! ये हारून मारुत से भी ज्यादा जादूगर है।

📚अच्छे बुरे अ'मल, स. 74, 75

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🌹बाक़ी को फ़ना पर तरजीह दो🌹

🌴हुज़ूर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया :
🔹जो अपनी आख़िरत से महब्बत करता है वो अपनी दुन्या को नुकसान पहुचाता है।
🔹और जो अपनी दुन्या से महब्बत करता है वो आख़िरत का नुकसान उठता है।
🔹पस तुम बाक़ी रहने वाली को फ़ना होने वाली पर तरजीह दो।

🔴हुब्बे दुन्या का गुनाह🔴

🌴सरकारे मदीना ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया :
🔹दुन्या की महब्बत एक ऐसा गुनाह है जो बिगैर तौबा के मुआफ़ नहीं होता।

📚अच्छे बुरे अ'मल, स. 75

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💵दुन्या में मालदार आख़िरत में कंगाल📭

🌴हुज़ूर ने इर्शाद फ़रमाया 👇🏿
👉🏿कषिर मालो दौलत वाले कियामत के दिन ताहि दामा (कंगाल) होंगे सिवाए उसके जिसने ज्यादा से ज्यादा माल राहे खुदा में खर्च किया होगा।

🌍दुन्या की कड़वाहट, आख़िरत की मिठास🍎

🌴हुज़ूर ने इर्शाद फ़रमाया 👇🏿
👉🏿दुन्या की कड़वाहट आख़िरत की हलावत है
👉🏿और दुन्या की हलावत आख़िरत की कड़वाहट है।

📚अच्छे बुरे अ'मल, स. 76

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🌹पूरी दुन्या मिल गई🌹

🌴नूर के पैकर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया
🔹जिस की निय्यत आख़िरत का हुसूल हो अल्लाह عزوجل उसके दिल को गिना से भर देता और उसके मुआमलात को जमा फरमा देता है और दुन्या उसके पास ज़लीलो ख्वार हो कर आती है।

🔹और जिसकी निय्यत सिर्फ दुन्या का हुसूल ही हो अल्लाह عزوجل उसे तंगदस्ती में मुब्तला कर देता है और उसके मुआमलात को मुन्तशिर फरमा देता है और उसे दुन्या में से इतना ही मिलता है जितना की अल्लाह عزوجل ने उसके मुक़द्दर में लिख दिया है।

📚अच्छे बुरे अ'मल, स. 78

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🌹पूरी दुन्या मिल गई🌹

🌴नूर के पैकर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया
🔹जिस की निय्यत आख़िरत का हुसूल हो अल्लाह عزوجل उसके दिल को गिना से भर देता और उसके मुआमलात को जमा फरमा देता है और दुन्या उसके पास ज़लीलो ख्वार हो कर आती है।

🔹और जिसकी निय्यत सिर्फ दुन्या का हुसूल ही हो अल्लाह عزوجل उसे तंगदस्ती में मुब्तला कर देता है और उसके मुआमलात को मुन्तशिर फरमा देता है और उसे दुन्या में से इतना ही मिलता है जितना की अल्लाह عزوجل ने उसके मुक़द्दर में लिख दिया है।

📚अच्छे बुरे अ'मल, स. 78

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🌹पूरी दुन्या मिल गई🌹

🌴नूर के पैकर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया
🔹जिस की निय्यत आख़िरत का हुसूल हो अल्लाह عزوجل उसके दिल को गिना से भर देता और उसके मुआमलात को जमा फरमा देता है और दुन्या उसके पास ज़लीलो ख्वार हो कर आती है।

🔹और जिसकी निय्यत सिर्फ दुन्या का हुसूल ही हो अल्लाह عزوجل उसे तंगदस्ती में मुब्तला कर देता है और उसके मुआमलात को मुन्तशिर फरमा देता है और उसे दुन्या में से इतना ही मिलता है जितना की अल्लाह عزوجل ने उसके मुक़द्दर में लिख दिया है।

📚अच्छे बुरे अ'मल, स. 78

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🌍दुन्या में ऐसे रहो🌍

🌴हुज़ूर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया : 👇🏿👇🏿
🌐दुन्या में ऐसे रहो जेसे तुम मुसाफिर या रास्ता उबूर करने वाले हो
🌐और अपने आप को मुरदों में शुमार करो।

〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰

🌸हर दिल अज़ीज़ बनने का नुस्खा🌸

🌴हुज़ूर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया : 👇🏿👇🏿
🌍दुन्या से बे रगबति इख़्तियार करो अल्लाह عزوجل तुम से महब्बत फरमाएगा।
🔘और जो कुछ लोगो के पास है इससे बे परवाह हो जाओ तो लोग भी तुमसे मुहब्बत करेंगे।

📚अच्छे बुरे अ'मल, स. 79

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🌍दुन्या की महब्बत का वबाल🌍

🌴हुज़ूर नबिय्ये पाक ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया :

❤जिस किसी के दिल में दुन्या की महब्बत डेरा डालती है वो इस की वजह से 3 चीज़ों में मुब्तला हो जाता है।
🔻न ख़त्म होने वाली मसरूफिय्यत
🔻ऐसी ग़रीबी की कभी खुशहाली न हो
🔻ऐसी आरज़ू जो कभी पूरी न हो।

✒हवाला
📚अच्छे बुरे अ'मल, सफा 80

📶जारी रहेगा इन्शा अल्लाह...
👏तालिबे दुआ
♏oin ♈ahora
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🌍दुन्या व आख़िरत के तलबगार🌹

🌴हुज़ूर ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया :

🔻दुन्या और आख़िरत दोनों तालिब भी है और मतलूब भी।

🔻पस जो आख़िरत को तलब करता है दुन्या उसे तलाश करती है यहां तक की वो इसमें से अपना पूरा पूरा हिस्सा ले लेता है

🔻और जो दुन्या का तलबगार होता है आख़िरत उसे ढूंढती रहती है यहां तक की मौत उसे गर्दन से आ दबोचति है।

✒हवाला
📚अच्छे बुरे अ'मल, सफा 80

📶जारी रहेगा इन्शा अल्लाह...
👏तालिबे दुआ
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💚दिल व जिस्म की राहत👤

🌴सरकारे वाला तबार ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया :

🌍दुन्या से बे रागबति दिल और जिस्म को राहत पहुचती है,

🌍इसमें रगबत गमो को बढ़ाती है और बेकारी दिल को सख्त कर देती है।

✒हवाला
📚अच्छे बुरे अ'मल, सफा 81

📶जारी रहेगा इन्शा अल्लाह...

🙏🏽तालिबे दुआ
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💫नूर जब दिल में दाखिल होता है💞

🌴ताजदारे रिसालत ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया :

💫नूर जब दिल में दाखिल होता है तो दिल कुशादा हो जाता है।

🌾अर्ज़ की गई : क्या इसकी कोई निशानी है ?

🌴इर्शाद फ़रमाया :
🔹धोके के घर से दूर रहना,
🔹हमेशा के घर की तरफ रुजुअ करना और
🔹मौत आने से पहले उसके लिये तैयारी कर लेना।

✒हवाला
📚अच्छे बुरे अ'मल, सफा 81

📶जारी रहेगा इन्शा अल्लाह...

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☝🏼हज़रते मूसा अलैहिस्सलाम को वही☝🏼

☝🏼अल्लाह ने हज़रत मूसा कलीमुल्लाह अलैहिस्सलाम की तरफ वही फ़रमाई की

☝🏼ऐ मूसा ! जब में किसी से महब्बत करता हु तो दुन्या को इससे अलग कर देता हू और में अपने मुहिब्बीन के साथ ऐसा ही करता हु।

☝🏼ऐ मूसा ! अगर तुम मालो दौलत को अपनी तरफ़ आते देखो तो कहो की किसी लग़ज़िश पर इताब जल्दी हो गया

☝🏼और जब फ़क़्र को अपनी जानिब आते देखो तो कहो की सालीहीन के शिआर को मरहबा।

✒हवाला
📚अच्छे बुरे अ'मल, सफा 81-82

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🔮हज़रत दावूद अलैहिस्सलाम को वही🔮

☝🏽अल्लाह ने हज़रते दावूद अलैहिस्सलाम की तरफ वही फ़रमाई की

☝🏾ऐ दावूद ! जिसने दुन्यावि ख्वाहिशात को आख़िरत की राहतों पर तरजीह दी उसने ऐसी गिरह थामी जिसमे मज़बूती नहीं और

☝🏾जिसने उखरवी राहतों को ख्वाहिशाते दुन्या पर फ़ौकीययत दी उसने बड़ी मज़्बूत गिरह थामी जिसे कभी खुलना नहीं।

✒हवाला
📚अच्छे बुरे अ'मल, सफा 82

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⚡हज़रते ईसा को वही⚡

☝🏾अल्लाह ने हज़रते ईसा अलैहिस्सलाम की तरफ वही फ़रमाई

☝🏾ऐ ईसा ! बनी इसराइल से फ़रमाओ की मेरी तरफ़ से दो बाते याद कर लो।

🌿उनसे फ़रमाओ की अपने दिन की सलामती के साथ थोड़ी दुन्या पर राज़ी रहो
🌿जिस तरह दुन्यादार अपनी दुन्या की सलामती के लिये थोड़े पर राज़ी रहते है।

✒हवाला
📚अच्छे बुरे अ'मल, सफा 82

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⭕मुनाजात की लज़्ज़त से महरूमी⭕

✔बाज़ आसमानी किताबो में है की अल्लाह عزوجل इर्शाद फ़रमाता है :

🔘जब अहले इल्म में से कोई दुन्या की तरफ माइल होता है तो में उसके साथ सब से हल्का मुआमला ये करता हु की उस के दिल से मुनाजात की लज़्ज़त निकल देता हु।
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
🌍ऐ दुन्या कड़वी हो जा🌍

🌴हदिशे कुदसि में है की अल्लाह عزوجل ने दुन्या से इर्शाद फ़रमाया :

✔ऐ दुन्या ! मेरे औलिया के लिये कड़वी हो जा, उन्हें फ़ितने में मुब्तला करने के लिये मीठी न बन।

✒हवाला
📚अच्छे बुरे अ'मल, सफा 82-93

मुनाजात येह दुआ का दूसरा नाम है

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🌹सय्यिदुना अली के अक़्वाल🌹

🌸अमीरुल मुअमिनीन हज़रते अलिय्युल मुर्तज़ा फरमाते है :
▪दुन्या व आख़िरत की मिषाल मशरिक़ो मग़रिब जैसी है, तो इनमे से किसी एक से जितना क़रीब होगा दूसरी से उतना ही दूर हो जाएगी।

▪या इनकी मिषाल दो सोकनो जैसी है, तू इनमे से किसी एक को खुश करेगा तो दूसरी नाराज़ हो जाएगी।

▪या इन की मिषाल दो ऐसे बर्तनों जैसी है जिन में से एक भरा हो और दूसरा ख़ाली, तो ख़ाली बर्तन को जितना भरेगा दूसरा उतना ही ख़ाली हो जाएगा।

✒हवाला
📚अच्छे बुरे अ'मल, सफा 83

📶जारी रहेगा इन्शा अल्लाह...

🙏🏽तालिबे दुआ

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🌍ये ज़िन्दा लोगो की दुन्या नहीं है🌍

🌻हज़रते अलिय्युल मुर्तज़ा फ़रमाते है :
✨दुन्या से बे रागबति और आख़िरत में रग़बत रखने वालो के लिये खुशखबरी है।
✨ये वो लोग है जिन्हों ने ज़मीन को फर्श बना लिया, मिटटी को बिछौना, पानी को खुशबु बनाया, मुनाजातो तिलावते क़ुरआन को अपनी पहचान और शीआ'र बना लिया
✨और उन्हों ने हज़रते ईसा रूहल्लाह के रस्ते पर चलते हुए दुन्या से कनारा कशी इख़्तियार कर ली।

☝🏽बेशक अल्लाह तआला के कुछ ऐसे बन्दे भी है जिन्हों ने फ़ितने से डर कर दुन्या को छोड़ दिया।
✨उन्हों ने दुन्या में गौरों फ़िक्र किया, फिर जब ये जान लिया की ये ज़िन्दा लोगो की दुन्या नहीं है....
✨तो उन्होंने दुन्या को भवर ठहरा कर उसमे आ'माले सालिहा को सफीना बना लिया।

✒हवाला
📚अच्छे बुरे अ'मल, सफा 84-85

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