*तज़किरतुल अम्बिया* #54
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*हज़रत आदम عليه السلام की औलाद*
हज़रत हव्वा बिस या चालीस मर्तबा हज़रत आदम عليه السلام से हामिला हुई हर हमल में दो दो बच्चे पैदा हुए एक मुज़ककर एक मुअन्नस। एक हमल के बच्चों का दूसरे हमल के बच्चों का ऐसा हुक्म था जेसे कि मुख़्तलिफ़ माँ-बाप के बच्चों का होता है यानी पहले हमल के बच्चे का दूसरे की बच्ची से निकाह होता इसी तरह दूसरे हमल के लड़के का पहले हमल की लड़की से निकाह होता।
*तंबीह* :हज़रत आदम عليه السلام के दो बच्चे हर हमल से हुए सिवाए हज़रत शीस عليه السلام के।
हज़रत हव्वा ने हज़रत शीस को सिर्फ अकेला ही पेश किया उनके साथ जुड़वां कोई बच्ची नहीं थी। यह सिर्फ नबीए करीम ﷺ की इज़्ज़त व तकरिम के लिये मालिकुल मुल्क ने एक बच्चे से ही हामला किया क्योंकि नबीए करीम ﷺ का नूर आदम عليه السلام से मुन्तकिल हो कर हज़रत शीस عليه السلام के पास आ गया।
हज़रत आदम عليه السلام ने उन्हें वसीयत की कि यह नूर मुबारक, पाक औरत की तरफ मुन्तकिल करना है। फिर हज़रत शीस عليه السلام ने अपने बेटे को यही वसीयत की यह सिलसिला हज़रत अब्दुल मुत्तलिब तक चलता रहा कि हर शख्स ने अपने बेटे को इस नूर के पाक पतन की तरफ मुन्तकिल करने की वसीयत की।
हज़रत आदम عليه السلام की वफ़ात के वक़्त आपकी औलाद और औलाद की औलाद 40 हज़ार से ज़्यादा हो गई थी। तफ़सीर सावी और जुमल वगैरा में एक लाख पहुँच जाने का ज़िक्र मिलता है।
*✍🏼तज़किरतुल अम्बिया* 58
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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Wednesday 14 February 2018
*तज़किरतुल अम्बिया* #54
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