Pages

Thursday 22 February 2018

तज़किरतुल अम्बिया* #61

*तज़किरतुल अम्बिया* #61
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*हज़रत आदम स्फीउल्लाह عليه السلام* 

*कव्वे ने कैसे मुआवनत की?*
     अल्लामा राज़ी رحمة الله عليه ने इस मक़ाम पर 3 वजह बयान की है अहरचे मशहूर पहली बात ही है।
     1) अल्लाह ने दो कव्वे भेजे वह दोनों लड़े एक ने दूसरे को क़त्ल कर दिया और अपनी चोंच और पंजों से ज़मीन को कुरेदा और मुर्दा कव्वे की लाश को उस गड्ढे में डालकर ऊपर मिटटी दाल दी इससे क़ाबील को भी पता चल गया कि मुझे ऐसा ही करना है और बहुत पशेमान हुआ कि में उस कव्वे से भी ज़्यादा आजिज़ हो गया इतना काम भी न कर सका।
     2) क़ाबील ने तंग आ कर हाबील की लाश को फेंक दिया, अल्लाह ने कव्वे भेजे जिन्होंने मिटटी खोद खोदकर उस लाश पर डाली और उसे छिपा दिया यह देखकर क़ाबील को बहुत अफ़सोस हुआ कि हाबील को अल्लाह ने कितनी इज़्ज़त बख्शी है और में कितना ज़लील हो गया।
     3) कव्वे की आम आदत यह है कि कोई खाने की चीज़ उसके पास हो तो उसे दूसरे वक़्त के लिये ज़मीन में दबा देता है। उसने जब किसी चीज़ को ज़मीन में छुपा दिया तो क़ाबील को पता चल गया की मुझे अपने भाई की लाश को ऐसे छिपाना है और साथ साथ कव्वे से कम इल्म रखने की वजह से बहुत पशेमान भी हुआ कि मुझसे तो कव्वा ही अच्छा है जिसे चीज़ों को छुपाना आता है।
     *तंबीह* : क़ाबील को नदामत अल्लाह के खौफ से की वजह से नहीं थी और न ही वह तायब हो रहा था बल्कि उसे नदामत इस पर हुई कि वह भाई की लाश को उठाये फिरता रहा और कव्वे से भी कम अक़्ल रहा उसे दफ़्न न कर सका और इस वजह से नादिम हो रहा था कि वह भाई को क़त्ल करने के बावजूद अपने मक़ासिद में कामयाब नहीं हुआ था क्योंकि उससे माँ-बाप बहन-भाई सब नाराज़ हो गये थे।
     और एक वजह यह भी थी कि जब उसने देखा कि एक कव्वे ने बड़ी मेहरबानी से दूसरे की लाश को दफ़्न किया तो यह उस पर नादिम हुआ था कि मुझे तो अपने भाई पर इतना रहम भी नहीं आ सका जितना कव्वे को है। वाज़ेह हुआ कि उसने कोई तौबा नहीं की, और नदामत उसे सिर्फ अपनी हिमाक़त पर थी।
*✍🏼तज़किरतुल अम्बिया* 61
●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●
मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●
*​DEEN-E-NABI ﷺ*
📲JOIN WHATSAPP
📱+91 95580 29197
📧facebook.com/deenenabi
📧Deen-e-nabi.blogspot.in
📧https://www.youtube.com/channel/UCuJJA1HaLBLMHS6Ia7GayiA

No comments:

Post a Comment