*तज़किरतुल अम्बिया* #50
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*आदम عليه السلام की तौबा कब क़बूल हुई?*
हज़रत आदम عليه السلام ने जब इन कलीमात के ज़रिये तौबा की, अल्लाह ने उसी वक़्त आपकी तरफ रहमत की तवज्जोह करते हुए तौबा को क़बूल फरमा लिया।
बाज़ उलमा के नज़्दीक आदम عليه السلام का अल्लाह से कलीमात लेना और उनके ज़रिये तौबा करना और उनका क़बूल होना जन्नत से उतरने के बाद हुआ और तौबा भी कई सौ साल बाद क़बूल हुई 200 या 300 साल, आह व बुका गिर्या व ज़ारी और नदामत के हाल में उन पर गुज़रे। शाह अब्दुल अज़ीज़ رحمة الله عليه ने तफ़सीरे अज़ीज़ी में यही फ़रमाया है।
लेकिन हक़ यह है कि जन्नत से बाहर आने से पहले ही अल्लाह ने आदम عليه السلام को वह कलीमात अता फरमा दिये थे और उसी वक़्त उन्होंने तौबा की जो क़बूल हो गई और उसी वक़्त अल्लाह ने उनकी खता माफ़ फरमा दी अलबत्ता यह मुमकिन है कि माफ़ी के बावजूद आदम عليه السلام अपनी लग्ज़िश को याद करके नदामत के तौर पर सालहा साल तक गिर्या व ज़ारी में मश्गुल रहे हो जो खौफ व खशियत का तक़ाज़ा और कमाल अब्दीयत की दलील है।
*✍🏼तज़किरतुल अम्बिया* 57
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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Sunday 11 February 2018
तज़किरतुल अम्बिया* #50
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