*तिजारत में क़सम से बरकत ज़ाइल हो जाती है*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
आज कल कई दुकान दार रोज़ी में बन्दिश खत्म करवाने के लिये ताविज़ात, अमलियात और दुआ के ज़राए तो अपनाते है, मगर रोज़ी में बरकत के ज़ाइल होने का एक बड़ा सबब खरीदो फरोख्त में बे एहतियाती, इसकी तरफ तवज्जोह नहीं करते।
फरमाने मुस्तफा ﷺ: तिजारत में क़सम की कसरत से परहेज़ करो कि ये अगर्चे माल को बिकवा देती है मगर बरकत को मिटा देती है।
*✍🏼सहीह मुस्लिम*
मीठे और प्यारे इस्लामी भाइयो! गौर फरमाए जब सच्ची क़सम की कसरत का ये हाल है तो झूटी क़समों और रिज़्क़ में हराम की आमेज़िश का कितना वबाल होगा।
इस लिये अक्सर अहादीस में जहाँ तिजारत का ज़िक्र आता है, साथ ही साथ झूट बोलने और झूटी क़सम खाने की मुमानअत भी आती है और ये हक़ीक़त है कि अगर ताजिर अपने माल में बरकत देखना चाहता है तो सच्ची क़सम खाने से भी परहेज़ करे।
*✍🏼तंगदस्ती के अस्बाब और उन का हल* 8
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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मिट जाए गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, गर होजाये यक़ीन के.. अल्लाह सबसे बड़ा है..अल्लाह देख रहा है..
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Thursday 8 February 2018
तिजारत में क़सम से बरकत ज़ाइल हो जाती है*
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