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Sunday 24 December 2017

*तज़किरतुल अम्बिया* #14
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*हज़रत आदम स्फीउल्लाह عليه السلام*
#07
*अल्लाह के मशवरा तलब करने पर फरिश्तों का ताज्जुब से सवाल*
     जब अल्लाह ने फरिश्तों से खलीफा बनाने का मशवरा तलब किया तो फरिश्तों ने ताज्जुब करते हुए रब से सुवाल किया : क्या ऐसे को (नायब) करेगा जो उसमें फसाद फैलाये और खून रेज़ियां करे ? और हम तुझे सराहते हुए तेरी तस्बीह करते और तेरी पाकी बोलते है।
     फरिश्तों ने रब पर कोई एतराज नहीं किया और न ही कोई मुखालफत की बल्कि उनको अल्लाह ने पहले ही यह इल्म दे रखा था कि जो खलीफा में बनाने वाला हूँ उसमे और उसकी औलाद में अनासिर अरबा की आमेज़िश होगी जो एक दूसरे के मुखालिफ होंगे यानी आग, मिट्टी, पानी, हवा का मजमुआ होगा। यह इल्म फरिश्तों को रब के बताने से हासिल हुआ था या उन पर लौहे महफूज़ को मुनकसिफ करने से हासिल हुआ था। उन्होंने समझा कि मुखालिफ और ज़िद की चीज़ें मिलने से तो फसाद ही फसाद होगा, खलीफा तो इसलिये बनाया जाता है कि ज़मीन में भलाई क़ायम हो और लोगों को बलाई की राह पर क़ायम किया जाये और उनके नफ़्सो की तकमील की जाये और उनमें अल्लाह के अहकाम जारी किये जाये तो जिस की बिना ही फसाद पर होगी उस से यह काम कैसे हो सकेंगे ?
     यह सवाल उनका मख़फ़ी हिकमत के पता चलाने के लिये था या इस सवाल पर तअज्जुब करते हुए था कि जो फसाद फेलाने वाले होंगे उनसे ज़मीन को आदाब करना और उसमे सलाहियत पैदा करना क्योंकर मुमकिन होगा ?
     ख्याल रहे कि यह फरिश्तों की इज्तेहादि खता थी कि उन्होंने समझा शायद तमाम इंसान ऐसे होंगे हालांकि अम्बियाए किराम मासूम होने की वजह से नेक और पारसा, सालेह व मुत्तक़ी लोग अल्लाह की हिफाज़त में होने की वजह से फसाद बरपा करने से पाक है।
     फरिश्तों के ख्याल के मुताबिक़ उनकी तस्बीह व तक़दिस और इस्मत के पेशे नज़र वह खिलाफ़ते इलाहया के ज़्यादा मुस्तहिक़ थे, उनके इस तरह के कसुरे इल्म को ज़ाहिर करने के लिये अल्लाह ने फ़रमाया : "ऐ मेरे फरिश्तों ! में वह सब कुछ जानता हु जो तुम नहीं जानते। महज़ तस्बीह व तक़दिस मैयारे खिलाफत नहीं और न ही मुख़्तलिफ़ और एक दूसरे की ज़िद अनासिर से मुरक्कब होना मनसबे खिलाफत के मनाफि है। बल्कि खिलाफत का मैयार यह है कि अल्लाह का खलीफा जिन चीज़ों का गैरो को हुक्म दे उन पर खुद भी अमल करे, इसलिये सारे इंसान फसाद और नाहक़ खुनरेजि करने के गुनाहों में मुब्तला नही होंगे, उनमें कुछ मासूम होंगे जो अल्लाह के खलीफा बनने के हक़दार होंगे।
*✍🏼तज़किरतुल अम्बिया* 30
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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