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Wednesday 27 December 2017

*नमाज़ की अहमिय्यत* #23
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
*_नमाज़ छोड़ने का वबाल अहादिष की रौशनी में_* #03
हुज़ूरे अक़दस ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया : जो जान बुझकर नमाज़ छोड़ देता है उसका नाम जहन्नम के उस दरवाज़े पर लिख दिया जाता है जिससे उसे दाखिल होना है।
*✍🏼कन्जुल उम्माल*
     यानी बे-नमाज़ी का जहन्नम में दाखिला ऐसा यक़ीनी मामला है कि जहन्नम के दरवाज़े में उसका नाम लिख दिया जाता है।

     हुज़ूरे अक़दस ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया : जिसने नमाज़ छोड़ दी उसका कोई दीन नहीं, नमाज़ दीन का सुतून है।
*✍🏼कन्जुल उम्माल*
     यानी ऐसे शख्स के ईमान का कोई भरोसा नहीं जो नमाज़ न पढ़ता हो।
*✍🏼नमाज़ की अहमियत* 21
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*​DEEN-E-NABI ﷺ*
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