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Monday 18 December 2017

*सदक़ा देने वाले के आदाब*
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
     सदक़ा करने वाले को चाहिये कि सुवाल करने से पहले सदक़ा दे, खुफ्या तौर पर सदक़ा दे और देने के बाद भी उसे छुपाए, सुवाल करने वाले के साथ नरमी से पेश आए, उस के मांगने से पहले उसे जवाब न दे, उस के मुतअल्लिक़ वसवसों का शिकार न हो (कि न जाने क्यूं मांग रहा है ? क्या मजबूरी है ? वगैरा वगैरा), अपने नफ़्स को बुख्ल से रोके, साईल ने जिस चीज़ का सुवाल किया है उसे वो चीज़ अता कर दे या अच्छे तरीके से उसे लौटा दे, अगर अज़ली दुश्मनी इब्लिश उस से इस के दिल में वस्वसा अंदाज़ी करे कि साईल इस चीज़ का हक़दार नहीं तो इस की मुखालफत करते हुए साईल को अल्लाह की अता करदा नेमतें दिये बगैर न लौटाए क्यूं कि वो इस का ज़्यादा मुस्तहिक़ है। (हाँ ! अगर साईल पेशावर भिकारी) हो तो नदे।
*✍🏼बहारे शरीअत*
*✍🏼आदाबे दीन* 37
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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