بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ
اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ
*सुवाल* - कजा नमाज़ों में ताखीर करने का गुनाह कैसे मुआफ़ होगा ?
*जवाब* - कज़ा नमाजों में ताखीर करने का गुनाह तौबा या हज्जे मक्बूल से मुआफ़ हो जाएगा और जो नमाज़ छूट गई है उस की कज़ा ज़रूरी है।
*सुवाल* - वोह कौन सा मरीज हैं जिस से नमाज़े फौत हो जाएं तो उस पर कज़ा नहीं ?
*जवाब* - ऐसा मरीज़ कि इशारे से भी नमाज़ नहीं पढ़ सकते अगर येह हालत पूरे छे वक्त तक रही तो इस हालत में जो नमाजें फौत हुई उन की कजा वाजिब नहीं।
*सुवाल* - जिस पर क़ज़ा नमाज़े हों क्या वोह उन्हें छोड़ कर सुनन व नवाफील पढ़ सकता है ?
*जवाब* - कज़ा नमाजे नवालि से अहम हैं यानी जिस वक्त नफ्ल पढ़ता है उन्हें छोड़ कर उन के बदले क़जाएं पढ़े कि बरियुज्जिमा हो जाए अलबत्ता तरावीह और बारह रअतें सुन्नते मुअक्कदा न छोड़े।
*✍️दिलचस्प मालूमात* 73
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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