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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ
اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ
*सुवाल* - ईमान किसे कहते हैं ?
*जवाब* - वोह तमाम उमूर जो हुजूर नबिय्ये करीम ﷺ अल्लाह तआला की तरफ से लाए और जिन के बारे में यकीनी तौर पर मालूम है कि येह दिने मुस्तफा ﷺ से हैं उन सब की सच्चे दिल से कतई तस्दीक करना "ईमान" कहलाता है जैसे अलाह तआला की वहदानिय्यत, तमाम अम्बियाए किराम की नुबुव्वत, हुजूर नबिय्ये करीम ﷺ का खातमुन्नबिय्यिन होना यानी येह एतिकाद कि हुजूर ﷺ सब में आखिरी नबी हैं, हुजूर ﷺ के बाद किसी को नुबुव्वत नहीं मिल सकती, इस तरह हश्र नश्र, जन्नत दोज़ख वगैरा का एतिकाद यानी यकीन रखना।
*✍️बुन्यादी अक़ाइद और मामुलाते अहले सुन्नत* 52
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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*DEEN-E-NABI ﷺ*
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