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Monday 4 February 2019

ईमान का बयान* #01

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بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ

اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ  عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ

     *सुवाल* - ईमान किसे कहते हैं ? 

     *जवाब* - वोह तमाम उमूर जो हुजूर नबिय्ये करीम ﷺ अल्लाह तआला की तरफ से लाए और जिन के बारे में यकीनी तौर पर मालूम है कि येह दिने मुस्तफा ﷺ से हैं उन सब की सच्चे दिल से कतई तस्दीक करना "ईमान" कहलाता है जैसे अलाह तआला की वहदानिय्यत, तमाम अम्बियाए किराम की नुबुव्वत, हुजूर नबिय्ये करीम ﷺ का खातमुन्नबिय्यिन होना यानी येह एतिकाद कि हुजूर ﷺ सब में आखिरी नबी हैं, हुजूर ﷺ के बाद किसी को नुबुव्वत नहीं मिल सकती, इस तरह हश्र नश्र, जन्नत दोज़ख वगैरा का एतिकाद यानी यकीन रखना। 

*✍️बुन्यादी अक़ाइद और मामुलाते अहले सुन्नत* 52

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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, 

गर होजाए यक़ीन के.....

*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*

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